अब कर्मचारियों की ऑनलाइन चलेगी सर्विस बुक

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  • वित्त विभाग ने लागू की नई व्यवस्था

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अब वेतन निर्धारण के लिए वित्त विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब मप्र के साढ़े 6 लाख सरकारी कर्मचारियों की सर्विस बुक अफसरों को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल शासकीय कर्मचारियों की नौकरी के दौरान तैयार होने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज सेवा पुस्तिका के कभी गुम होने और कभी उनके फट जाने के मामले सामने आते है, वही कई बार यह बात भी सामने आती है कि सेवा पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ कर उसमें बदलाव कर दिया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, इसके साथ ही राज्य के शासकीय विभागों को अपने कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका को संभालने का भी झंझट नहीं रहेगा।
दरअसल, अभी तक शासकीय सेवकों के वेतन निर्धारण के लिए सर्विस बुक एक अफसर से दूसरे अफसरों के टेबल पर पहुंचती है। सर्विस बुक के टेबिल टूल बनने के चलन पर अब पूरी तरह रोक लगने जा रही है। वित्त विभाग ने इस संबंध में नई व्यवस्था तय कर दी है, जिसके तहत सर्विस बुक को वेतन निर्धारण के लिए भौतिक रूप से पेश करना अनिवार्य नहीं होगा। इसके लिए जो नई व्यवस्था तय की गई है, उसके तहत इसे अब ऑनलाइन ही देना होगा। इससे प्रदेश के शासकीय सेवकों को बड़ी राहत मिल गई है।
अब समय पर हो सकेगा वेतन निर्धारण
जानकारी के अनुसार किसी भी शासकीय सेवक के वेतन निर्धारण के लिए उसके सर्विस बुक यानी सेवा पुस्तिका की जरूरत पड़ती है। वित्त विभाग में जो नई व्यवस्था आईएफएमआईएस लागू की गई है। उसके तहत ये जरूरी है, लेकिन अब ये सर्विस बुक शासकीय सेवकों के वेतन निर्धारण के लिए एक अफसर से दूसरे अफसरों के टेबल नहीं भटकेगी। सर्विस बुक के टेबल टूल बनने के चलन पर अब पूरी तरह रोक लगाने जा रही है। दरअसल वेतन निर्धारण के लिए सर्विस बुक एक टेबल से दूसरे टेबल पर अफसरों के पास चक्कर लगाते रहती है। कई बार तो अफसरों की लापरवाही और उदासीनता का खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है।
अभिलेख अपलोड करना अनिवार्य
वित्त विभाग ने जो नई व्यवस्था लागू की है, उसमें वेतन निर्धारण के लिए संबंधित अफसरों के लिए ई- साईन की व्यवस्था लागू होगी। मौजूदा समय में जितने प्रकरण संभागों में होंगे, उनमें संयुक्त संचालक ई- साईन करेंगे और फिर उसके बाद कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि वह ई- साईन के बाद प्रकरण को डाउनलोड कर उस पर भौतिक रूप से हस्ताक्षर करेंगे और फिर संबंधित शासकीय सेवक की सर्विस बुक पर चस्पा करेंगे। आयुक्त कोष एवं लेखा ने इस संबंध में जो नई प्रक्रिया तय करते हुए पत्र लिखा है, उसके मुताबिक वेतन निर्धारण के लिए वित्त विभाग द्वारा मंगाई जाने वाली सर्विस बुक को संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा आमतौर पर संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को समय पर नहीं भेजा जाता है।

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