अब स्कूलों को प्रत्येक खरीदी के बिल दिखाने के बाद ही मिलेगी राशि

सरकारी स्कूल

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में केंद्र सरकार के निर्देश पर जीरो बैलेंस खाता तो खोल लिए गए लेकिन खाते में रकम नहीं होने की वजह से स्कूलों को प्रबंधन में दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। दरअसल स्कूलों के हालात यह हैं कि साबुन, सैनिटाइजर व शौचालय की सफाई के लिए खरीदे जाने वाले जरूरी सामान के लिए भी लंबी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही अब पैसा मिलेगा।
चूंकि प्रदेश के स्कूल 26 जुलाई से खुल गए हैं, वहीं पांच अगस्त से नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल खुल भी जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कोविड-19 का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए स्कूलों में साबुन, सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ ही शौचालय की दो बार साफ सफाई करानी अनिवार्य की गई है। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई का सामान खरीदना पड़ेगा और बाद में उसका बिल दिखाना होगा। उसके बाद ही विभाग की ओर से राशि का भुगतान किया जाएगा। यही नहीं स्कूल प्रबंधन को अब हर छोटे से छोटे काम के लिए अधिकारियों को पहले बिल दिखाना होगा। वहीं अब तक सरकारी स्कूलों के अलग-अलग बैंक खाते थे। इन खातों में स्कूली स्तर पर प्रबंधन जरूरत के हिसाब से खर्च कर रहे थे लेकिन अब राज्य स्तर पर सिंगल बचत खाता होने के बाद स्कूल के किसी भी काम के लिए पहले बिल विकासखंड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) के समक्ष लगाने होंगे। बीआरसी से जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को भेजे जाएंगे। वहां से राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा जाएगा। इतनी लंबी प्रक्रिया से गुजरने के बाद यहां से भुगतान करने की अनुमति मिलने के बाद ही स्कूलों को यह राशि मिल पाएगी और इसके बाद ही कोई काम हो सकेंगे। चूंकि फिलहाल खातों में राशि है ही नहीं तो स्कूलों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने में काफी मशक्कत करना पड़ेगी।
लंबी प्रक्रिया के बाद मिल सकेगी राशि
प्रदेश के 90 हजार सरकारी स्कूलों का खाता जीरो बैलेंस किए जाने से अब सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए  साफ-सफाई से संबंधित साबुन-सेनेटाइजर के साथ ही अन्य जरूरत का सामान खरीदने के लिए लंबी कागजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। चूंकि स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को खोलने की अनुमति के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं जीरो बैलेंस खाता होने की वजह से स्कूल प्रबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
90 हजार सरकारी स्कूलों का किया खाता जीरो बैलेंस
उल्लेखनीय है कि पूर्व में ही केंद्र सरकार की योजनाओं की राशि को लेकर एक सिंगल बचत खाता खोलने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 30 जून तक सभी सरकारी प्राइमरी, मिडिल, व हायर सेकेंडरी स्कूलों के 90 हजार खातों को जीरो बैलेंस कर दिया गया है। यही नहीं इन खातों की राशि राज्य स्तर पर खोले गए सिंगल बचत खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। अब स्कूलों द्वारा नया जीरो बैलेंस खाता खोला जा रहा है।  इसके बाद ही विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र से मिली राशि के खर्च का हिसाब रखने के लिए राज्य सरकार को एक ऐसा खाता खोलना होगा। जिसकी सीधी निगरानी केंद्र की होगी।

Related Articles