अब हितग्राही के ई-वालेट में पहुंचेगी निर्धारित राशि

  • हितग्राहीमूलक योजनाओं में धनराशि की बंदरबांट रोकने की कवायद
  • गौरव चौहान
हितग्राही

राज्य सरकार जनकल्याण और सुराज के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार एवं शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों का पूरा लाभ वास्तविक रूप से पात्र हितग्राही तक समयसीमा में पहुंचे, यही सुशासन का मूल ध्येय है। इसी उददेश्य की पूर्ति के लिए 15 जनवरी-2022 तक विशेष अभियान चलाकर शासन की सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। इस अभियान के तहत सरकार की सभी हितग्राहीमूलक योजना में सभी पात्र हितग्राहियों को लाभंवित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित न रहे। इसके मद्देनजर हितग्राहीमूलक योजनाओं में सरकार डिजिटल करेंसी माडल लागू करने जा रही है। इसके तहत अब हितग्राही के ई-वालेट में निर्धारित राशि पहुंचेगी।
गौरतलब है कि सरकार विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाएं चलाती है जिसमें करोड़ों रुपये अनुदान दिया जाता है। बार-बार आरोप लगते हैं कि वास्तविक हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। धनराशि की बंदरबांट हो रही है। ऐसी तमाम समस्याओं के समाधान के लिए मध्य प्रदेश सरकार अब डिजिटल करेंसी माडल लागू करने जा रही है। इसमें हितग्राही के ई-वालेट में निर्धारित राशि उपलब्ध कराई जाएगी। चिह्नित एजेंसियों के माध्यम से राशि का उपयोग होगा। आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय में पेट्रोल कूपन और मोबाइल रिचार्ज में इसका पायलट प्रोजेक्ट किया गया था, जो सफल रहा। अब कृषि यंत्र समेत अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं में यह माडल लागू किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों से ऐसी योजनाओं को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं, जहां डिजिटल करेंसी माडल लागू किया जा सकता है। इस व्यवस्था में हितग्राही को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) एप डाउनलोड करना होगा। बैंक खाता होने की अनिवार्यता नहीं है। आधार सत्यापन के माध्यम से स्मार्ट फोन पर सीबीडीसी वालेट संस्थापित हो जाता है। इसमें संबंधित विभाग निर्धारित राशि डालेंगे। जिस कार्य विशेष के लिए राशि दी जा रही है तो उसका उपयोग उसी में किया जा सकेगा। इससे लेखा-जोखा रखना भी आसान होगा। अभी कूपन दिए जाते हैं। इसमें गड़बड़ी की संभावना रहती है। यह प्रविधान भी रहेगा कि यदि राशि का पूरा उपयोग नहीं किया तो शेष राशि निर्धारित समय सीमा के बाद चिह्नित 15 बैंक राज्य सरकार के कोष में जमा करवा देंगे।
डिजिटल करेंसी माडल लागू किया जाएगा लागू
प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों को पेट्रोल, मोबाइल से लेकर अलग-अलग तरह के भत्ते दिए जाते हैं। स्कूल के विद्यार्थियों को स्कूटी, लैपटाप, साइकिल, गणवेश आदि दिए जाते हैं। कृषि और उद्यानिकी विभाग उन्नत कृषि के लिए यंत्रीकरण और ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये अनुदान देता है। इन सभी में धीरे-धीरे डिजिटल करेंसी माडल लागू किया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है. ताकि जिस उद्देश्य विशेष के लिए सरकार अनुदान देती है, उसका उपयोग उसी काम के लिए हो। वित्त विभाग ने पिछले वर्ष विभागों से शून्य आधारित बजट बनवाया तब यह पूछा कि हितग्राहीमूलक योजना कब से संचालित कर रहे हैं और कब तक लक्ष्य की पूर्ति करेंगे। इसी हिसाब से बजट जारी किया जाएगा। अब व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और गड़बडिय़ों पर रोक लगाने के लिए डिजिटल करेंसी माडल लांगू करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने पिछले वर्ष विभागों से शून्य आधारित बजट बनवाया तब यह पूछा कि हितग्राहीमूलक योजना कब से संचालित कर रहे हैं और कब तक लक्ष्य की पूर्ति करेंगे। इसी हिसाब से बजट जारी किया जाएगा। अब व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और गड़बडिय़ों पर रोक लगाने के लिए डिजिटल करेंसी माडल लागू करने का निर्णय लिया है।

Related Articles