अब प्राचार्यों के आचरण, व्यवहार की जांच करेंगे कलेक्टर

कलेक्टर

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश भर के कॉलेजों के प्राचार्यों के आचरण, व्यवहार को जांचने की जिम्मेदारी कलेक्टर्स को दी गई है। यानी अब कलेक्टर प्राचार्यों की गोपनीय चरित्रावली लिखेंगे।
दरअसल इसके पीछे उद्देश्य यह है कि चूंकि प्रभारी प्राचार्य को प्रशासनिक अनुभव कम होता है।  यही वजह है कि उनके द्वारा पूर्व में भी कालेजों में शिक्षण के संचालन में कई गड़बड़ियां सामने आ चुकीं हैं। ऐसे में जब कलेक्टर निष्पक्ष होकर उनकी सीआर लिखेंगे तो कई प्राचार्य के आचरण, व्यवहार और नीतिगत निर्णय क्षमता की निष्पक्ष जानकारी सामने आएगी। हालांकि कलेक्टर को गोपनीय चरित्रावली लिखने के अधिकार दिए जाने के बाद कई कालेजों के प्रभारी प्राचार्यों की धड़कनें बढ़ना तय है। बहरहाल उच्च शिक्षा विभाग ने इसके संबंध में आदेश जारी कर दिए है। वहीं प्रभारी प्राचार्य अधिकारियों और कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखेंगे। आदेश में कहा गया है कि 30 जून तक सभी की सीआर जमा कराई जाए।
गंभीरता से और सभी कॉलम भरने होंगे
बहरहाल अब राज्य के सभी 516 कॉलेजों के प्राचार्य की गोपनीय चरित्रावली कलेक्टर लिखेंगे। यह इसलिए कि उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों के सीआर लिखने का अच्छा अनुभव होता है इसलिए वे प्राचार्यों की सीआर बेहतर तरीके से लिख पाएंगे। वहीं प्रभारी प्राचार्य को कर्मचारी और अधिकारियों की सीआर लिखना होगी। सीआर में अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा शैक्षणिक व अशैक्षणिक संचालित कार्यों एवं व्यवहार संबंधी जानकारी भरी जाएगी। जारी आदेश में कहा गया है कि प्राचार्य सीआर के अंक साफ और स्पष्ट शब्दों में लिखें। उसमें काट-छांट और अभिलेखों पर ओवरराइटिंग नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर उन्हें आंतरिक गुणवत्ता एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ के अंकों में परिवर्तन करने की दिशा में समीक्षक को ओवरराइटिंग वाले स्थान पर खुद हस्ताक्षर कर सत्यापन करना होगा। ताकि सीआर में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो चूंकि पूर्व में गोपनीय चरित्रावली लिखने में कई बार प्राचार्य गलती कर चुके हैं, जिसे सुधारने में विभाग के आयुक्त को काफी परेशानी उठाना पड़ी थी। बहरहाल प्राचार्य को गोपनीय चरित्रावली लिखते समय हर कॉलम पर गंभीरता से भरना होगा। मूल्यांकन पत्रक में गतिविधियों पर ग्रेडिंग स्वीकृति के साथ प्रतिवेदक को को टीम वाले पन्ने पर अपना नाम और पद लिखना होगा। वहीं ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी को नए प्रोफार्मा में सीआर जमा करना होगी। एपीआई कॉलम में अंक अथवा निरंक लिखना होगा। नियमित प्राचार्य होने पर अधिकारी की सीआर को क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को भेजेंगे। वहीं यदि काट छांट है तो समीक्षक को भेजना होगा। व्यवस्था के अनुसार प्रभारी प्राचार्य यह गोपनीय चरित्रावली क्षेत्रीय संचालक के माध्यम से आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग को भेजेंगे।
प्राचार्यों की बढ़ी धड़कनें
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज के प्राचार्यों की गोपनीय चरित्रावली कलेक्टर द्वारा लिखे जाने के आदेश के बाद कई कालेजों के प्राचार्य बेचैन हैं। दरअसल कलेक्टर द्वारा प्राचार्यों की गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के लिए उनके आचरण, व्यवहार और कार्य क्षमताओं संबंधी जानकारी ली जाएगी। यही वजह है कि प्राचार्यों की धड़कनें बढ़ गई हैं।

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