
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भारत सरकार द्वारा हर साल दी जाने वाली सहायता राशि पर अब केंद्र की पूरी नजर रहेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को अब प्रत्येक केंद्रीय योजना में दी जाने वाली राशि के लिए अलग से नोडल एकाउंट बनाने के निर्देश दिए है। दरअसल प्रदेश सरकार को हर साल केन्द्र द्वारा सहायता अनुदान के रुप में 30 से 35 हजार करोड़ की राशि प्रदान की जाती है। इस राशि को कब, कहां, कितना और कैसे खर्च किया गया है। इसकी जानकारी के लिए केन्द्र सरकार को राज्य की जानकारी पर निर्भर रहना पड़ता है।
कई बार या तो राज्य सरकारें पूरी राशि खर्च नहीं करती हैं और कई बार राशि तो खर्च की जाती है, लेकिन उसे संबंधित मद की जगह दूसरी मद में खर्च कर दिया जाता है। इस नई व्यवस्था से राज्य सरकारों की इस तरह की कार्यप्रणाली पर न केवल रोक लगेगी, बल्कि तय समय में राशि खर्च न कर पाने की स्थिति में राज्य को बची हुई राशि भी वापस करनी होगी। राज्य को जिम्मेदारी दी गई है कि जिन अधिकारियों द्वारा राशि खर्च नहीं की गई है, उसे संबंधित खाते में जमा कराएं। इस संबंध में राज्य सरकार को एक प्रमाण पत्र भी देना होगा। इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मप्र सरकार को पत्र लिखा है कि नई प्रक्रिया में प्रत्येक केंद्रीय योजना को लागू करने राज्य स्तर पर एकल नोडल खाता खोला जाए। राज्य सरकार द्वारा लेनदेन करने के लिए अधिकृत एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक में ही नोडल एकाउंट खोलने के बाद सभी स्तरों पर आईएएस अपने खातों में पड़ी सभी खर्च नहीं हुई राशि सिंगल खाते में जमा करेंगे।
उक्त योजना के तहत क्रियान्वयन एजेंसियों के अन्य खाते बंद नहीं किए गए हैं, तो उन्हें शून्य खाते में परिवर्तित कर दिया जाए और इन खातों में शेष राशि वापस नहीं की गई है, तो उसे नोडल एकांउट में जमा करें अथवा वापस किया जाए। अगर बीते तीन सालों में मप्र को केन्द्र से मिली अनुदान राशि पर नजर डालें तो वर्ष 2019-20 में 31,952, 2020-21 32,910 और 2021-22 में 35,774 करोड़ रुपए मिले हैं।
केन्द्र इन योजनाओं के लिए देता है राशि
केंद्र सरकार द्वारा मप्र को करीब डेढ़ सौ से अधिक योजनाओं में केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में राशि दी जाती है। इनमें प्रमुख रूप से पर ग्रीन इंडिया, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, आयुष्मान, एनएचआरएम, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना, हाउसिंग फॉर आॅल, राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन, विधवा पेंशन, पीएम कृषि सिंचाई योजना आदि शामिल हैं।