अब करदाताओं को मिल रहे रिकवरी के नोटिस

  • सरकारी कर्मचारियों का टीडीएस काटा लेकिन आयकर विभाग में जमा नहीं हुआ

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आयकर विभाग इनदिनों ठेकेदारों, सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को रिकवरी नोटिस भेज रहा है। इससे आयकरदाताओं में हडक़ंप मचा हुआ है। दरअसल, उनका टीडीएस तो काटा गया है, लेकिन आयकर विभाग में जमा नहीं हुआ है। वहीं आयकर विभाग अब उन छूट वाली आय की पड़ताल कर रहा है, जिन पर लोगों ने टैक्स नहीं चुकाया है। विभाग ने कई सीनियर प्रोफेशनल्स, बड़ी कंपनियों के पार्टनर्स और रिटायर्ड कर्मचारियों को नोटिस भेजे हैं। इसमें इस बात पर सवाल उठाया गया है कि क्या उनकी दिखाई गई छूट वाली इनकम  वाकई टैक्स फ्री है। हालांकि, विशेषज्ञ इसे कानून के तहत सही मानते हैं। लेकिन विभाग की इस कार्रवाई से टैक्सपेयर्स में चिंता बढ़ गई है।
    जानकारी के अनुसार, मप्र-छत्तीसगढ़ में निजी कांट्रेक्टर्स, शासन के कॉर्पोरेशन, राजस्व और शिक्षा जैसे विभाग के हजारों करदाता ऐसे हैं जिनका टीडीएस तो काटा गया लेकिन आयकर विभाग में जमा नहीं हुआ। या फिर समय पर क्वार्टरली टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया। पैन नंबर विधिवत लिंक न होने एवं मिसमैच जैसे मामले भी हैं। करदाताओं को क्रेडिट मिलने के बजाए रिकवरी के नोटिस मिल रहे हैं। आयकर विभाग अब शासकीय महकमों के आहरण एवं भुगतान अधिकारियों (डीडीओ) को बुलाकर कामकाज संबधी प्रशिक्षण देने की तैयारी में है। कर्मचारी, किसान और अन्य लोगों पर भारी डिमांड निकल रही है। रिकवरी की राशि 200 करोड़ रुपए से अधिक की है। कई मामलों में यह फेक डिमांड भी है। मप्र छग में हजारों लोग परेशान हो रहे हैं।
    टीडीएस का पैसा जिला कोषालय में अटका
    विभागीय सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे प्रकरण भी हैं जिनमें टीडीएस का पैसा जिला कोषालय में पड़ा है आयकर विभाग में जमा ही नहीं हुआ। अथवा क्वार्टरली रिटर्न ही नहीं जमा किया। सेलरी मामले में आईटी एक्ट की धारा 24 क्यू और कांट्रेक्ट आदि में धारा 26 क्यू के तहत समय पर टीडीएस रिटर्न जमा करना जरूरी है। ऐसा न होने पर क्लेम आदि अटकने के साथ डिमांड-पेनाल्टी भी खड़ी हो जाती है। सागर जिले की एक महिला शिक्षक अनुराधा (बदला हुआ नाम) ने आयकर को शिकायत भेजी है कि जानबूझकर उसका पैन लिंक नहीं किया गया। इस वजह से उस पर भारी-भरकम राशि की डिमांड निकल रही है। पैन लिंक कराने के लिए उससे रिश्वत की मांग की जा रही है। आयकर ने अब ऐसे मामलों पर भी संज्ञान लिया है।
    टीडीएस रिटर्न समय पर दाखिल करने की अनिवार्यता
    मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में पैन लिंक न होने, मिसमैच अथवा टीडीएस रिटर्न दाखिल न होने के कारण बड़ी संख्या में रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं। नियम के अनुसार औसतन प्रतिदिन 200 रुपए की पेनाल्टी का प्रावधान भी है। आयकर ने राज्य सरकार के विभागों को टीडीएस रिटर्न सहित अन्य जरूरी नियमों का ब्यौरा भेजा है। साथ ही डीडीओ को आयकर भवन में बुलाकर ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट मनीष सिंह का कहना है कि शासकीय विभागों सहित सभी संस्थानों को टीडीएस रिटर्न समय पर दाखिल करने की अनिवार्यता है। ऐसा न होने पर करदाता को क्लैम नहीं मिल पाता बल्कि आयकर विभाग उस पर रिकवरी भी निकाल देता है। आईटी एक्ट विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. आरएन सिंह का कहना है कि राज्य सरकार के अनेक विभागों में यह समस्या मौजूद है। कई किसानों को भूमि अधिग्रहण का पैसा मिला लेकिन टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं होने से उन्हें क्रेडिट नहीं मिल पाया। ऐसे में विभाग भी उनकी आय पर डिमांड निकालेगा।अब करदाताओं को मिल रहे रिकवरी के नोटिस

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