अब शिवराज ने अफसरों को बताई अपनी नायक वाली छवि

 शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की निकम्मी अफसरशाही से आम आदमी तो परेशान हैं ही, लेकिन इससे प्रदेश के मुखिया भी अछूते नहीं रहे हैं। यही वजह है कि अब उन्हें अपनी नायक वाली फिल्म बतानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि अचानक ही अपनी इस फिल्म को नहीं दिखाया है, बल्कि इसके पहले वे सार्वजनिक रुप से सुधरने और अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाने की चेतावनी भी दे चुके हैं, लेकिन अफसरों के कान पर इससे जूं तक नहीं रेंगा।
दरअसल चौहान ऐसे राजनेता हैं जो व्यवहार में बेहद सरल स्वभाव रखते हैं, जिसका फायदा प्रदेश के अफसरों द्वारा जमकर उठाया जाता है। यही वजह है के अपने इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री को अपना रुप बदलना पड़ रहा है। कई मामलों में वे तत्काल कार्रवाई कर संदेश देने का भी काम कर चुके हैं, इसके बाद भी निरंकुश हो चुकी अफसरशाही सुधरने का नाम ही नहीं लेती दिख रही है, जिसकी वजह से अब उन्हें अपनी नायक वाली छवि दिखाने को मजबूर होना पड़ रहा है।  
यही नहीं अब उन्हें अपनी अफसरशाही को सुराज तक का अर्थ बताकर उस पर चलने की भी नसीहत देनी पड़ रही है। बीते रोज हुई कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-एसपी कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सुराज का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सुराज का मतलब बिना लिए-दिए और बिना विलंब के लोगों का काम हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने इसके बाद चेतावनी भरे अंदाज में अफसरों को चेतावनी देते हुए साफ कर दिया कि वे अब औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि अफसर ध्यान रखें और जनता के काम हाथ जोड़कर करें।
आप नोट कर लीजिए- जरूरतमंद लाभ से वंचित नहीं होना चाहिए। इसे सभी दिमाग में बैठा लें। उन्होंने कहा कि अब जनभागीदारी से सरकार चलेगी। इस दौरान वे खराब काम करने वाले पुलिस अधीक्षकों पर भी बरसने से पीछे नही रहे। उन्होंने कहा कि अब शहर या उसके आसपास की भूमि पर आवास निर्माण होगा और जो भूमि शहर से दूर है, वहां शासकीय कार्यालय या स्कूल संचालित किए जाएंगे। कांफ्रेंस में बताया गया कि, प्रदेश में तीन हजार 839.69 एकड़ भूमि माफिया से अब तक मुक्त कराई गई है। सर्वाधिक एक हजार 27 एकड़ भमि ग्वालियर में अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराई गई है। उन्होंने निर्देश दिया कि जो बड़े कब्जेधारी हैं और संगठित होकर कब्जे कर रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। मार्च से अगस्त 2021 तक भू-माफियाओं के खिलाफ एक हजार 34 प्रकरण दर्ज कराए गए हैं। इसी तरह अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एक हजार 712 प्रकरण दर्ज हुए हैं। अवैध खनन के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ जुर्माना लगाने से कुछ नहीं होगा। अवैध परिवहन में लगे वाहनों को राजसात करके नीलाम किया जाए। समाधान एक दिन भी शुरू किया जाएगा। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की जाएगी। चिह्नित सेवाओं में सुबह आवेदन देने पर शाम तक उसका निराकरण किया जाएगा।
इन्हें करना पड़ा फटकार का सामना
सीएम कॉन्फ्रेंस में खराब परफॉर्मेंस वाली पुलिस अधीक्षकों पर भी बरसे। गुंडों-अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने पर फटकार लगाई। दमोह एसपी डीआर तेनिवार से कहा, आप सिस्टम सुधारें, ऐसे नहीं चलेगा। दमोह की रैंकिंग प्रदेश में सबसे पीछे 52 वें नंबर पर। नीमच एसपी सूरज कुमार वर्मा से कहा- तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई धीमे क्यों है? क्या कर रहे हैं जिले में?
सीएम ने खुद किया खुलासा
मुख्यमंत्री ने खुद खुलासा करते हुए बताया कि उनके द्वारा पीएम आवास योजना में भी हितग्राहियों से पैसे लिए जा रहे हैं। जिन अफसरों ने पीएम आवास योजना में पैसे लिए हैं, उन्हें छोड़ूंगा नहीं। हाल ही में रैगांव में जनदर्शन यात्रा के दौरान मुझे शिकायत मिली थी। मैंने जिम्मेदार अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। अब उन पर जांच भी बैठा दी है।
किन जिलों का कैसा रहा प्रदर्शन
बैठक में प्रस्तुतीकरण के जरिये बताया गया कि एक जनवरी से 31 अगस्त 2020-21 के आधार पर सरकार ने जिलों का श्रेणीकरण भी किया है। इसमें परियोजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर शिकायतों के निराकरण के आधार पर जिलों को अ, ब और स श्रेणी में बांटा गया है। अ श्रेणी में जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, भोपाल और इंदौर। ब श्रेणी में गुना, शिवपुरी, बैतूल और सीहोर। स श्रेणी में झाबुआ, अशोक नगर, बुरहानपुर, पन्ना, सिंगरौली और बड़वानी को रखा गया है।
इन जिलों में कामचलाऊ प्रदर्शन
सिवनी, दतिया,शाजापुर, बालाघाट, सीधी, डिंडोरी आलीराजपुर, मंडला, आगर, उमरिया, छिंदवाड़ा,सतना, राजगढ़,खरगोन, छतरपुर, देवास, कटनी,रतलाम,मंदसौर, नरसिंहपुर, टीकमगढ़, रायसेन, खंडवा, रीवा, शहडोल और धार।
यह भी कहा मुख्यंमत्री ने
– मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति, विशेष अनुग्रह योजना और बाल सेवा योजना के प्रकरणों में देरी न हो। परिवार के पात्र सदस्य को जल्द नियुक्ति दी जाए।
– मनरेगा योजना में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। गरीबों का पैसा कहीं नहीं जाना चाहिए। इन पर गिद्ध दृष्टि रखें।
– कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कार दिया जाएगा। मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर ऐसे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
– महिला थानों और महिला हेल्प डेस्क के प्रभावका अध्ययन कराया जाएगा।
– एक जिला एक उत्पाद योजना में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

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