
- पोषण वाटिका योजना के तहत महिलाएं चयनित स्थानों पर फल व सब्जियों का उत्पादन करेंगी और बदले में उन्हें आय होगी…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने शहर के साथ ही अब ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक संपन्न बनाने के लिए पोषण वाटिका योजना तैयार की है। प्रदेश में कुपोषण से लड़ने के लिए पंचायत विभाग के अधिकारी इस योजना पर काम कर रहे हैं। योजना के तहत गांव की महिलाओं को आर्थिक तौर पर संपन्न किया जाएगा। योजना के तहत महिलाएं चयनित स्थानों पर फल और सब्जियों का उत्पादन करेंगी और बदले में उन्हें आय होगी। मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सामुदायिक पोषण वाटिका प्रोजेक्ट बनाया है। इसके अंतर्गत एक हजार 770 से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों और फलों का उत्पादन किया जाएगा। खास बात है कि बच्चों को पोषक तत्व मिलने के लिए भी यह प्रोजेक्ट काम आएगा। इससे प्रदेश में कुपोषण कम होगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसके लिए कृषकों को बीज ड्रिप इरिगेशन और ट्यूबवेल की व्यवस्था खनिज मद, एसआरएलएम 15वां वित्त आयोग व सांसद, विधायक निधि योजनाओं, उद्यानिकी, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन व ऊर्जा विभाग से की जाएगी।
छिंदवाड़ा में की गई सबसे ज्यादा भूमि चिन्हित
योजना के अंतर्गत प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा 289 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। जहां ग्रामीण महिलाओं द्वारा सब्जियों और फलों का उत्पादन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मनरेगा ने स्टॉप डेम, तालाब, सड़कें और भवनों के निर्माण के साथ ही अब सब्जी और फलों के उत्पादन का प्लान बनाया है। इसमें उद्यानिकी विभाग को भी साथ लिया गया है तथा बाल्मी को नॉलेज पार्टनर के तौर पर शामिल किया गया है।
ये हैं पोषण वाटिका के प्रमुख उद्देश्य
पोषण वाटिका का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं की आय में बढ़ोतरी करना है। वहीं बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, सब्जी और फलों का उत्पादन बढ़ाना, स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और स्थाई आजीविका के साधन विकसित करना है। इसके अलावा गौशाला, मीनाक्षी तालाब और चारागाह से लगी भूमि का चयन कर मनरेगा के माध्यम से पौधारोपण किया जाएगा। नंदन फलोद्यान बनाए जाएंगे। इसमें चयनित की गई भूमि का रकबा कम से कम दो हेक्टेयर रखा गया है। बता दें कि अब तक सामुदायिक पोषण वाटिका के 885 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। जिनमें से 142 कार्य पूर्ण कर लिए गए है। प्रोजेक्ट में पायलट के तौर पर प्रदेश में कुल एक हजार सात सौ सत्तर हेक्टेयर रकबा स्वीकृत किया गया है। खास बात यह है कि यदि प्रोजेक्ट सफल रहा तो वाटिका के लिए क्षेत्र और बढ़ाया जाएगा।