अब खुलेंगे पाकिस्तानी जासूस ज्योति के राज

 ज्योति
  • एनआईए ने सात घंटे की पूछताछ

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने करीब सात घंटे तक पूछताछ की। एजेंसी की टीम उससे पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े लिंक खंगालने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में उससे कई सवाल किए। पहलगाम की घटना के दौरान वह कहां थी और जनवरी में पहलगाम जाने का क्या मकसद था। इस बारे में एजेंसी ने सवाल किए। एनआईए की टीम ज्योति मल्होत्रा के महज दो साल में तीन बार पाकिस्तान जाने, उस वक्त पहलगाम जाने जब आमतौर पर वहां पर्यटक नहीं आते और आतंकी हमले की टाइमिंग को जोडक़र जांच कर रही है। सूत्रों ने बताया कि एनआईए कई पहलुओं से जांच कर रही है। ज्योति का 2024 में पाकिस्तान जाना, जनवरी 2025 में पहलगाम जाना, पाकिस्तान की साफ छवि दिखाने, वहां रह रहे हिंदुओं के प्रति सद्भावना के वीडियो बनाने, पहलगाम के वीडियो अपलोड करना जांच एजेंसी को अखर रहे हैं। ज्योति ने जनवरी में पहलगाम के अलावा गुलमर्ग, डल लेक, लद्दाख की पैंगॉन्ग झील के वीडियो भी बनाए हैं। इन वीडियो से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को किसी तरह की मदद मिली या नहीं। ये वीडियो अनजाने में बनाए गए या किसी के कहने पर, इन सब सवालों के जवाब एनआईए तलाश रही है। इसके साथ ही पुलिस ज्योति की लोकेशन भी लगातार बदल रही है। कभी उसे महिला थाना, कभी सिविल लाइन थाना तो कभी सीआईए में ले जाकर पूछताछ की जा रही है।
देर रात घर लेकर पहुंची पुलिस
पुलिस की टीम रविवार देर रात ज्योति मल्होत्रा को लेकर उसके घर पहुंची। ज्योति को अपने कपड़े लेने के बाद वापस अपने साथ ले गई। पिता हरीश मल्होत्रा ने बताया कि पुलिस टीम में तीन महिला कर्मियों सहित पांच-छह लोग थे।
मोबाइल, लैपटॉप खंगाल रही
ज्योति के लैपटॉप, मोबाइल को जांच के लिए करनाल के मधुबन भेजा गया है। एफएसएल की टीम इनका डाटा खंगाल रही है। हिसार पुलिस को एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट से कई राज खुलने की संभावना है। पुलिस ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य हरकीरत को तो छोड़ दिया, लेकिन उसके मोबाइल की जांच की जा रही है।
किसी ने आतंकवादियों की मदद की है तो वह भारतीय नहीं
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ज्योति ने करीब दो मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इसमें वह कह रही है कि किसी ने इन आतंकवादियों की मदद की है, तो वह भारतीय नहीं है। जो भी आतंकवादियों का साथ दे रहा है, वह बहुत गलत कर रहा है। ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने कहा कि मुसीबत के समय पड़ोस के लोगों ने भी हमारा साथ छोड़ दिया है। मेरी बेटी बेकसूर है। मैं बीमार पड़ गया हूं, कोई देखने तक नहीं आता। रोजाना दवा खा रहा हूं। मीडिया से बातचीत में कहा कि रविवार रात को पुलिस की एक गाड़ी में 5 पुलिसकर्मी ज्योति को लेकर घर आए थे। इनमें दो महिला पुलिसकर्मी थी। दोनों ज्योति को लेकर घर के अंदर गई। ज्योति ने बैग व अलमारी से अपने कपड़े निकाले और एक बैग में डाले। इसके बाद उसे फिर से पुलिस अपने साथ ले गई। हरीश मल्होत्रा ने कहा कि ज्योति ने मेरे से कोई बात तो नहीं की लेकिन उसके चेहरे के हाव भाव ठीक थे। वह डरी हुई नहीं थी। पुलिस ने ज्योति से मेरे को बात नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि अभी हमने कोई वकील नहीं किया है। ज्योति लॉकडाउन से पहले दिल्ली में नौकरी करती थी। नौकरी छूटने के बाद छोटे भाई की पेंशन से ही घर खर्च चलाते थे।

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