अब बस…. मध्यप्रदेश देश में बनेगा NO-1

मध्यप्रदेश देश
  • प्रदेश को आत्मनिर्भर, समृद्ध… और सुखी बनाने की चुनौती

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि हमारी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश को आत्मनिर्भर , समृद्ध और सुखी बनाने की है। इसके लिए सरकार द्वारा निरंतर पूरी ताकत के साथ काम किया जा रहा है।  मध्यप्रदेश अब देश में नंबर वन बनने की राह पर है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अनवरत कार्य कर रहे हैं, उसी तेजी से मध्यप्रदेश भी आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। अपने तीन दिनी दौरे के दौरान काशी से विकास का मंत्र और अयोध्या से नई ऊर्जा से लबरेज होकर आए चौहान पूरी ताकत के साथ प्रदेश के चहुंमुखी विकास के प्रयासों में जुट गए हैं। बीमारु राज्य से विकासशील प्रदेशों में लाकर प्रदेश को खड़ा करने वाले शिव ने जब काशी में राज्य की योजनाओं का खाका भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के कॉनक्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा तो प्रदेश में संचालित योजनाओं की तारीफ न केवल अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने की, बल्कि उन्होंने अपने राज्यों में भी मप्र की योजनाओं को लागू करने की इच्छा जताई। वहां से लौटने के बाद एक दैनिक समाचार पत्र द्वारा किए गए साक्षात्कार में शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के कानक्लेव में किए गए प्रजेंटेशन और प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश और अनुभव के प्रश्न का उत्तर  देते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी आध्यात्मिक ऊर्जा का स्त्रोत है और बाबा विश्वनाथ के कॉरिडोर का निर्माण भव्य होने के साथ ही राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का भी प्रतीक है। सचमुच में काशी बदल गई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रखर नेतृत्व ने असंभव को संभव करके दिखाया है। लगभग 300 साल पहले मां अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का पुनरूद्धार कराया और साढ़े 300 साल बाद हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से मंदिर का पुनरूद्धार करके कॉरिडोर बनाया है। उनका कहना है कि एक वैभवशाली/गौरवशाली, संपन्न और समृद्धशाली सष्ट्र का निर्माण प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा है, यह सचमुच में अद्भूत है। अयोध्या में भी हमने रामलला के दिव्य दर्शन किए, संकटमोचन हनुमान के भी दर्शन किए और अनेकों प्रेरणाएं लेकर नई ऊर्जा का संचार हुआ,  तीनों दिन अविस्मरणीय रहे, मन अपार आनन्द से भर गया, महा आनन्द में डूबे रहे और अब एक नई प्रेरणा से प्रदेश की समृद्धि और जनता के खुशहाली की कामना से फिर जनसेवा में जुटे हैं। हमने प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन भी दिया, प्रदेश की उपलब्धियों से अवगत कराया, साथ ही प्रधानमंत्री ने जो दिशा निर्देश दिए उनका भी हम पालन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा मध्यप्रदेश गजब है, देश का गौरव है  के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मध्य में स्थित होने के कारण यह हृदय प्रदेश है। यहां नर्मदा की अविरल धारा, सांची, भीमबेटका तथा अमरकंटक जैसे अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन के स्थल हैं। यह देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान देने वाले टंट्या मामा, शंकर शाह, रघुनाथ शाह जैसे शूरवीर और जननायकों की धरती है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारने वाला अग्रणी प्रदेश है। ग्रामीणों को भूमि स्वामी का हक प्रदान करने वाली स्वामित्व योजना में अग्रणी, एनीमिया मुक्त भारत अभियान में देश में प्रथम, आयुष्मान भारत योजना में प्रथम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में कोरोना टीकाकरण में भी प्रथम है। ऐसी अनेक योजनाएं है जिसमें मध्यप्रदेश का परफॉर्मेंस पहले स्थान पर है , इसलिए मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश को देश का गौरव कहा है।
    कांग्रेसी शासन में चरमरा गई थीं व्यवस्थाएं
    चौथे कार्यकाल की चुनौतियां और आगे के विजन के मामले में चौहान का कहना है कि कांग्रेस की 15 महीनों की सरकार के बाद जब हम सरकार में आए तो एक नहीं अनेक चुनौतियां थीं, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं, लेकिन हमने इसको लक्ष्य बना कर ठीक कर दिया। अब हमारे समक्ष चुनौती मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, समृद्ध और सुखी बनाने की है। इस मामले में भी हम काफी तेजी से आगे बढ़ चले हैं। यही कारण है कि बिजली उत्पादन और कृषि उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर है। हम आने वाले समय में विकास का एक ऐसा मॉडल बनकर सामने आएंगे जो देश के अन्य राज्य भी उसका अनुकरण करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद प्रदेश में आकर प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए निर्देशों पर चौहान का कहना है कि मैंने एसीएस, सचिव, विभागाध्यक्षों और अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें प्रदेश की जनता को लाभांवित करने और केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं में नंबर-1 रहने के निर्देश दिए। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस एवं ईज ऑफ लिविंग के कार्य हमारी प्राथमिकता में है।
    अफसरों को दिए निर्देश
    कोविड कंट्रोल के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।   केन्द्र सरकार की जैसे ही कोई नई स्कीम लॉन्च हो उस पर तत्काल हमारा ध्यान जाए। राजस्व संग्रहण के लिए अतिरिक्त कोशिश करें। प्रदेश के विकास का आधार राजस्व ही है। विकास के लिए रोडमैप बनाकर लक्ष्य निर्धारित कर समय-सीमा में पूरा करें। जेम पोर्टल का इस्तेमाल अधिकाधिक हो। विदेशी मुद्रा लाने के लिए निर्यात पर पर ध्यान दें। कच्चा माल, कृषि उत्पाद निर्यात किए जा सकते हैं।  स्टार्टअप के क्षेत्र में ध्यान दें। आयुष्मान भारत योजना को बेहतर और प्रभावी बनाकर लागू करें। एनसीसी, एनएनएस और संस्कार देने वाली शिक्षा को पाठ्यक्रमों में जोड़ें। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई कराने के लिए कार्य-योजना बनाएं।

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