अब बढ़े हुए वेतन के लिए एक माह करना पड़ेगा इंतजार

मुख्यमंत्री

आदेश में देरी से अधिकारियों-कर्मचारियों को लगेगा हजारों रुपयों का फटका

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के करीब साढ़े सात लाख कर्मचारियों को हाल ही में बढ़ाए गए चार फीसदी महंगाई भत्ते को पाने के लिए एक माह का और इंतजार करना होगा। इसकी वजह है मुख्यमंत्री की घोषणा के एक हफ्ते बाद आदेश जारी नहीं होना। इसमें होने वाली देरी की वजह से अब इस माह कर्मचारियों को डीए में की गई चार फीसदी की वृद्धि की घोषणा का लाभ नहीं मिलेगा। इसकी वजह से कर्मचारियों को न्यूनतम आठ सौ से छह हजार तक का नुकसान होना तय है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आठ दिन पहले सीहोर जिले के भैरुंदा तहसील के गिल्लौर ग्राम में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह समारोह में चार फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी। अब तक बढ़े हुए डीए के आदेश जारी नहीं होने से यह तो तय हो गया है कि  कर्मचारियों को जून के वेतन में इस वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा , क्योंकि वेतन के बिल तैयार हो चुके हैं। अब इस वृद्धि का लाभ जुलाई के वेतन के रूप में माह अगस्त में ही मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने 24 जून को सीहोर के भैंरूदा में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता देने की घोषणा की थी। केंद्रीय कर्मचारियों को 42 और प्रदेश के कर्मचारियों को 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। इस अंतर की पूर्ति के लिए चार प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की गई थी। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर अमल के लिए वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है, पर अभी तक इसके आदेश जारी नहीं हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि डीए वृद्धि का लाभ कब से देना है, इसको लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है, जिसकी वजह से आदेश जारी नहीं हो पा रहा है। उधर, जून के वेतन के बिल विभागों द्वारा कोषालय में भेजे जा चुके हैं, जिससे यह तो तय हो गया है कि इस माह के वेतन में जुडक़र वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि कर्मचारी संगठन लंबे समय महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार जनवरी 2023 से कर्मचारियों को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है। जबकि, प्रदेश के कर्मचारियों को 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने से सरकार पर प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
छग की सहमति का इंतजार  
पेंशनर की महंगाई राहत में वृद्धि को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार से अब तक सहमति नहीं मिली है। जबकि, प्रदेश सरकार इन्हें भी कर्मचारियों की तरह 38 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत देने का निर्णय कर चुकी है लेकिन, छत्तीसगढ़ से सहमति नहीं मिलने के कारण साढ़े चार लाख पेंशनर को लाभ नहीं मिल रहा है। वर्तमान में पेंशनर को 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है।
होगा न्यूनतम 1600 रुपये का फायदा
डीए की बढ़ोतरी से कर्मचारियों को न्यूनतम 1600 और अफसरों को 6000 रुपये का फायदा होगा। महंगाई भत्ते से हर महीने 160 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा । प्रदेश के सात लाख कर्मचारियों में 4.52 लाख  कर्मचारी, 2.40 लाख अध्यापक, 25 हजार पंचायत सचिव और वर्क चार्ज में कार्यरत कर्मचारियों को बढ़े हुए चार फीसदी डीए का भुगतान किया जाएगा। इन कर्मचारियों को 38 फीसदी डीए मिल रहा है।
क्या होता है डीए?
बता दें बढ़ती महंगाई से वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं और लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता को कम करने लगते हैं। इसका सामना करने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि, लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और अपनी जरूरत की चीजों को दाम बढऩे के बावजूद भी खरीद पाएं। गौरतलब है कि महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।

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