
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा की सरकार और उसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि लोकतांत्रिक सरकार की सबसे अधिक जवाबदारी गरीबों के प्रति रहनी चाहिए। गरीब और वंचित वर्ग को ही सरकार के सहयोग और समर्थन की सबसे अधिक जरूरत होती है। इस तरह के कामों से ही सरकार की छवि को लोक कल्याणकारी के रूप में बनाया जा सकता है। यही वजह है कि अब मुख्यमंत्री ने महिला स्व सहायता समूहों को कई तरह के महत्वपूर्ण कामों का जिम्मा देना तय कर लिया है। दरअसल मुख्यमंत्री चाहते हैं कि गरीब और वंचित वर्ग की तात्कालिक सहायता वाली योजनाओं के साथ उनके सामाजिक और आर्थिक उन्नयन के लिए हर संभव प्रयास पूरी गंभीरता से किए जाएं।
इसी मंशा के चलते मुख्यमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के अंतर्गत गरीब कल्याण के लिए मंत्री समूह का भी गठन किया गया है। इसके चलते ही उनके द्वारा खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह , नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पशुपालन सामाजिक न्याय तथा निशक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल समूह समन्वयक प्रमुख सचिव खाद्य फैज अहमद किदवई की मौजूदगी में खाद्यान्न वितरण का दायित्व स्व सहायता समूह को सौंपने पर भी विचार करने को कहा गया है। इसके साथ ही गरीबों को तत्काल लाभ देने वाली वनोपज आधारित गतिविधियों और बकरी पालन मुर्गी पालन जैसी पशुपालन से संबंधित हितग्राही मूलक योजनाओं का व्यापक रुप से संचालन भी आवश्यक है। इसके तहत अब स्वसहायता समूहों को खाद्यान्न वितरण से लेकर सड़कों तक के संधारण का काम दिया जा रहा है।
खाद्यान्न वितरण की श्रेणी में ट्रांसजेंडर्स भी शामिल
इस दौरान बताया गया है कि खाद्यान्न वितरण के अंतर्गत नवीन इस श्रेणी में घरेलू कामकाजी कर्मी ट्रांसजेंडर्स मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में सम्मिलित परिवारों और अन्य वंचित वर्ग को जोड़ा गया है। प्रदेश में 24 हजार 500 दुकान से बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। वन नेशन वन राशन के अंतर्गत लगभग 4 लाख परिवारों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से राशन वितरण किया गया है।
प्रदेश में यह किया गया है अब तक काम
प्रदेश में 3 लाख 16 हजार पद विक्रेताओं को 316 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण दिया गया है। 5416 स्व सहायता समूहों का गठन कर 54 हजार 160 परिवारों को स्व सहायता समूहों से जोड़ा गया है। मध्यप्रदेश में स्थाई कई हजार युवाओं को कौशल विकास के अंतर्गत प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। जनजाति बाहुल्य 15 जिलों में सड़कों का संधारण महिला स्व सहायता समूह को सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है।