अब पूरी तरह ‘स्मार्ट’ होगी मध्यप्रदेश की बिजली

 मध्यप्रदेश की बिजली
  • सरकार ने बिना रुकावट 24 घंटे बिजली का तैयार किया रोडमैप …

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्वाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ऐसा रोडमैप तैयार किया है जिससे प्रदेश की बिजली पूरी तरह ‘स्मार्ट’ हो जाएगी। यानी प्रदेश में अब रेडियो फ्रिक्वेंसी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं के साथ ही बिजली कंपनियों को रोज-रोज होने वाली परेशान से निजात मिलेगी।
    गौरतलब है कि प्रदेश में इंदौर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही प्रदेश ने बिजली के मामले में बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। अब यहां बिजली का स्मार्ट स्वरूप दिखेगा। सरकार ने स्मार्ट बिजली का रोडमैप तैयार कर लिया है। राज्य में वर्ष 1998-99 में मैन्युअल बिजली मीटर की जगह इलेक्ट्रॉनिक मीटर आए थे। अब 23 साल बाद इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल की भी विदाई कर एडवांस स्मार्ट मीटर लाना तय किया गया है।
    प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों सिस्टम
    आधुनिक मध्यप्रदेश के लिए सरकार ने जो प्लान तैयार किया है, उसमें घर-घर जाकर मीटर रीडिंग का सिस्टम खत्म होगा। एक क्लिक में बिजली कनेक्शन कट जाएगा। ट्रांसफॉर्मर जलने पर भी बिजली नहीं जाएगी। 3.50 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए टेंडर हो गए हैं। केंद्र सरकार से 23 लाख मीटर के लिए मदद मांगी है। मीटर रीडिंग सेंट्रल सर्वर से ली जाएगी। मोबाइल सिम की तरह यह मीटर फुलप्रूफ रहेगा, जिससे खपत को ऑटो-रिकॉर्ड किया जाएगा। सरकार एडवांस स्मार्ट मीटर में प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों सिस्टम ला रही है। प्रीपेड मीटर में जितना पैसा देंगे, उतनी बिजली मिलेगी। उपभोक्ता प्रीपेड को पोस्टपेड तो पोस्टपेड को प्रीपेड में शिफ्ट कर सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ता का रिकॉर्ड देखा जाएगा। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे कहते हैं कि भविष्य के हिसाब से रोडमैप बनाया है। मीटर का पूरा सिस्टम बदल रहे हैं।
    आंधी-बारिश में भी गुल नहीं होगी बिजली
    वहीं 24 घंटे बिजली मिले, इसके लिए 36 हजार मेगावॉट तक की स्टोरेज कैपेसिटी रखी जाएगी। बिजली महकमा 26000 मेगावाट बिजली आपूर्ति और 36000 मेगावॉट उपलब्धता के हिसाब से काम कर रहा है। इसमें सौर ऊर्जा की करीब पांच हजार मेगावॉट से ज्यादा बिजली रहेगी। धीरे-धीरे थर्मल बिजली को कम किया जाएगा। इससे कोयले की कमी की समस्या खत्म होगी। एडवांस स्मार्ट मीटर की अगली स्टेज पोर्टेबिलिटी रहेगी। इसमें एक बिजली कंपनी परिक्षेत्र में उपभोक्ता चाहेगा तो दूसरी किसी भी निजी कंपनी से बिजली ले सकेगा। इसके लिए आने वाले दिनों में अलग से नियम तैयार किए जाएंगे। वहीं आंधी-बारिश या किसी अन्य कारण से ट्रांसफॉर्मर फेल हो जाने पर बिजली दूसरे ट्रांसफॉर्मर पर शिफ्ट हो जाएगी। इसके लिए मल्टीपल  ऑटोशिफ्टिंग मोड लगाने की तैयारी की गई है। वायरिंग सुरक्षा के लिए भी नई तकनीक अपनाई जाएगी।
    स्मार्ट मीटर से रुकेगी बिजली चोरी
    स्मार्ट मीटर की खासियत है कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं कर सकता है। मीटर को हाथ लगाते ही टावर से मिलने वाले डेटा में जानकारी आने लगती है। चोरी करने वाले, बिल न भरने वाले के घर जाकर कनेक्शन काटने की जरूरत नहीं होती कंट्रोल रूम से बैठे-बैठे सप्लाई बंद हो जाती है। फीडर पर बिजली सप्लाई करने के बाद कितनी यूनिट का बिल जमा हो रहा है, ये भी पता चल जाता है। बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट मीटर की बदौलत बिजली चोरी रुक जाएगी। इससे राजस्व वसूली में वृद्धि होगी। कनेक्शन काटने और जोड़ने के लिए भी फील्ड स्टाफ को चक्कर नहीं लगाने पडं़ेगे। यही नहीं, फीडर और ट्रांसफॉर्मरों के स्तर पर सप्लाई और बिल की गणना भी संभव हो सकेगी।

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