अब राजस्थान के साथ मिलकर मप्र बनाएगा नया चीता कॉरिडोर

चीता कॉरिडोर
  • गांधी सागर में भी बसाने की तैयारियां जारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। टाइगर स्टेट के बाद अब मप्र देश का ऐसा राज्य बन रहा है जिसे चीता स्टेट के नाम से भी जाना जाएगा। चीतों के लिए आरामदायक आवास देने के मामले में तेजी से प्रदेश में काम किया जा रहा है। यहीं वजह है कि अब जल्द ही मप्र पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ मिलकर चीतों के लिए कॉरीडेार बनाने जा रहा है। इसके लिए कूनो नेशनल पार्क के चीतों के लिए एक संयुक्त कमेटी का गठन भी किया जा चुका है। यह कमेटी हर तीन महीने में चीता कॉरिडोर से संबंधित रिपोर्ट मप्र और राजस्थान के अधिकारियों को सौपेंगी। इसके साथ ही प्रदेश के गांधी सागर अभ्यारण्य में भी चीतों को बसाने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। इसके तहत उनके भोजन के लिए भी दूसरे जानवरों को वहां पर छोड़ा जा रहा है। इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों को लाए जाने की संभावना है। गौरतलब है कि कूनो नेशनल पार्क में इस समय 12 शावक और 12 चीते हैं।
अब इन चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की तैयारी शुरू हो गई है। दो-दो चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इससे पहले ही सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है। दरअसल इससे पहले भी चीता पवन और मादा चीता वीरा को खुले जंगल में छोड़ा गया था। ये दोनों ही चीते बार-बार कूनो की सीमा से बाहर चले जाते थे। एक बार चीता राजस्थान की सीमा तक चले गए थे। इसके बाद राजस्थान और मप्र के वन विभाग के अफसरों ने मिलकर काम करने की योजना बनाई है। इसके लिए कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी चीता कॉरिडोर की योजना बनाएगी। कूनो से चीतों का जिन क्षेत्रों में मूवमेंट हो सकता है, उन्हें चिह्नित कर चीता कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। यहां चीतों की मॉनिटरिंग के लिए वन अमले को भी तैनात किया जाएगा।
दोनों सरकार के बीच होगा एमओयू
चीता कॉरिडोर के लिए बनी कमेटी समय-समय पर अपने सुझाव भी सरकार को देगी। कॉरिडोर प्रबंधन के अध्ययन के लिए मप्र और राजस्थान के बीच एमओयू भी होगा। भविष्य में चीतों के माइग्रेशन की स्थिति को देखते हुए क्षेत्रों को भी विकसित किया जाएगा। माना जा रहा है कि जब प्रदेश के दो अभ्यारण्य में चीतों की बसाहट हो जाएगी, तो इनके भ्रमण के लिए आसपास के जंगलों को चीतों के अनूकूल बनाना होगा। कमेटी इस क्षेत्र में भी काम करेगी।
गांधी सागर अभ्यारण्य में आठ बाड़े तैयार
गांधी सागर अभ्यारण्य में अभी 6 चीतों के रखने के हिसाब बाड़े तैयार हो चुके हैं। यहां 64 वर्ग किमी में 8 क्वारेंटाइन बाड़े बनाए गए हैं। इनमें 6 में चीतों को रखा जाएगा, जबकि 2 बाड़े रिजर्व रहेंगे। अफ्रीकी दल और केन्या का दल भी गांधी सागर अभ्यारण्य का निरीक्षण कर चुके हैं। चीतों को गांधी सागर में लाए जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

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