अब खेतों के सर्वे का जिम्मा उठाएंगे स्थानीय ग्रामीण युवा

  • गांव के युवाओं के लिए रोजगार का अवसर
  • विनोद उपाध्याय
स्थानीय ग्रामीण युवा

सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों सहित युवाओं को नई-नई योजनाओं से जोडकऱ  लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी योजनाओं की गिरदावरी यानी सर्वे का काम कराया जाएगा। राज्य सरकार की इस पहल से ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद सहित बहुत सी सरकारी योजनाओं में फसलों की गिरादवरी की जाती है। इस काम के लिए अब राज्य सरकार ग्रामीण युवाओं को जोडऩा चाहती है, ताकि फसलों की सही गिरावदरी हो सके और योजना में और पारदर्शिता आए ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सके। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशानुसार फसलों की गिरदावरी के लिए अब युवाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए इच्छुक युवाओं से 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। जो भी पढ़े-लिखे युवा इस काम को करना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। फसलों की मध्यप्रदेश भू अभिलेख नियमावली के मुताबिक फसल गिरदावरी का काम साल में तीन बार किया जाता है। पहला खरीफ फसल सीजन में, दूसरा जायद फसल सीजन में और तीसरा रबी फसल सीजन में। इस काम को सारा (स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन) एप के जरिये किया जाता है। इस गिरदावरी या सर्वे का उपयोग उपार्जन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि योजनाओं में सतत रूप से किया जाता है। अभी तक यह काम कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा खेत में जाकर किया जाता रहा है। फसल गिरदावरी के काम में पारदर्शिता लाने के लिए भारत सरकार की ओर से डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है। यह प्रत्येक मौसम के लिए करीब 45 दिन की कार्यवाही होती है। इसमें जिओ फेंस (पार्सल लेवल) तकनीक के जरिये खेत में बोई गई फसल का फोटो खींचकर फसल सर्वेक्षण का काम नियत अंतराल में पूरा किया जाएगा। इस योजना के तहत खरीफ सीजन 2024 डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के लिए सर्वेयर पंजीयन 10 जुलाई तक किया जाना है।
गांव के युवा होंगे चयनित
खेतों के रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए युवाओं को प्रति खसरा आठ रुपये दिए जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत गांव के कुछ युवाओं को ही पटवारी की जगह खेतों की गिरदावरी कराने के लिए चयनित किया जाएगा। चयनित युवक ही मोबाइल एप की मदद से गिरदावरी का काम पूरा करेंगे। इससे किसानों की फसल का सही रिकॉर्ड किसान चढ़वा सकेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए फर्जी जानकारी भी नहीं दे पाएंगे। इस काम को नीमच और सिवनी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वर्ष 2023 में शामिल किया गया था। यहां सफलता मिलने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सभी 52 जिलों के 53 हजार गांवों के करीब 80 लाख किसानों के खेतों में होने वाली फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसको लेकर आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र भी जारी कर दिए हैं। यह होती है गिरदावरी किसानों को सरकार की योजनाओं से जोडऩे के लिए उनके खेत का रकबा और होने वाली फसल को आधार बनाया जाता है। इसके लिए हर खेत की गिरदावरी होती है। इसमें देखा जाता है कि किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है। रबी, खरीफ और अन्य सीजन में क्या फसल ली गई है इसकी भी सटीक जानकारी इससे मिलेगी।  फसल की गिरदावरी साल में तीन बार सारा एप के माध्यम से की जाएगी।
युवाओं को 25 जुलाई तक मिलेगा प्रशिक्षण
सर्वेयर बनने के लिए इच्छुक युवाओं को 10 जुलाई तक पंजीयन करवाना होगा। इसके लिए अनिवार्य योग्यता उसी गांव का स्थानीय निवासी होना है, जहां वे सर्वे करना चाहते हैं। आवेदक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। इसके साथ ही उनके पास एंड्राइड 6 वर्जन या इससे अधिक वर्जन का फोन हो। पंजीयन के बाद युवाओं को 25 जुलाई तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।प्रशिक्षित युवा 1 अगस्त से 15 सितंबर तक गांव में खसरा के हिसाब से गिरदावरी करेंगे। इसके बाद पर्यवेक्षक गिरदावरी का सत्यापन करेंगे। इसके बाद किसानों को दावा-आपत्ति के लिए समय दिया जाएगा। उसके बाद निराकरण होगा।  इसके बाद वैरीफायर का अनुमोदन और अंतिम अनुमोदन की प्रकिया पूरी होगी।  पंजीयन और योजना संबंधी अन्य जानकारी के लिए सारा एप पर जाएं। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का कहना है कि यह योजना गिरदावरी के काम में पारदर्शिता लाएगी। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही उन्हें अनुभव भी मिलेगा। योजना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी हो गई है।

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