अब सहकारिता क्षेत्र में तीन स्तर पर किया जाएगा निरीक्षण

निरीक्षण

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों और सहकारी समिति के स्तर पर बड़े पैमाने पर होने वाली गड़बड़ियों व अनियमितताओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अब विभाग द्वारा त्रिस्तरीय निरीक्षण व्यवस्था लागू करने का फैसला कर लिया गया है।
इस नई व्यवस्था के तहत अपेक्स बैंक, नागरिक बैंक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति का प्रति वर्ष अधिकारियों को कम से कम एक बार विस्तृत निरीक्षण कर रिपोर्ट शासन को देनी होगी। इसके बाद सहकारिता आयुक्त कार्यालय में इन रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद अगर किसी रिपोर्ट में गड़बड़ी पायी जाती है तो जिस स्तर पर भी गड़बड़ी सामने आएगी वहां के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल हाल ही में शिवपुरी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कोलारस शाखा में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इसमें शाखा के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अमानतदारों की राशि में फर्जीवाड़ा कर उनकी रकम ही हड़प ली है।  इसी तरह से झाबुआ जिला सहकारी बैंक की एक शाखा में किसानों के नाम फर्जी तरीके से कर्जदार के रुप में बताकर उनके नाम पर कर्जमाफी का लाभ ले लिया। यही नहीं इसके पहले भी होशंगाबाद, बालाघाट, भोपाल, राजगढ़ सहित अन्य जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में बड़े पैमाने पर गंभीर किस्म की गड़बड़ियों का खुलासा हो चुका है। यही वजह है कि इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा पहले पूरी व्यवस्था को आनलाइन करने का भी तय किया जा चुका है। इसके बाद यह नया कदम उठाने का भी फैसला किया गया है।
इस तरह से होगा निरीक्षण
नई निरीक्षण व्यवस्था के बदलाव के बाद अब अपेक्स बैंक (राज्य सहकारी बैंक) के अधिकारी अपनी शाखाओं के साथ जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों का तो वहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारी अपनी शाखाओं के साथ समितियों का विस्तृत निरीक्षण करेंगे। सहकारिता आयुक्त कार्यालय और जिलों में पदस्थ अधिकारियों को भी साल में एक बार निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा सहकारिता आयुक्त कार्यालय और संभागों में पदस्थ संयुक्त पंजीयकों को जिले आवंटित कर जिम्मा दिया जा रहा है। इन्हें जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के साथ-साथ नागरिक बैंकों का भी निरीक्षण कर रिपोर्ट आयुक्त को भेजनी होगी। इसी तरह से उप पंजीयक सहकारी बैंकों की शाखाओं के साथ समितियों का भी अब निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण में बैंक और समिति में  साल भर में होने वाले लेन-देन की विस्तृत जांच की जाएगी।

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