अब मानव अधिकार आयोग ने पूछा क्यों नहीं दिया जा रहा पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश

पुलिसकर्मियों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमेशा मैदानी स्तर पर काम करने वाली प्रदेश की पुलिस को खुद न्याय पाने के लिए मानव अधिकार आयोग की शरण लेनी पड़ रही है। मामला उनके साप्ताहिक अवकाश से जुड़ा हुआ है। अब इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने पुलिस मुख्यालय से पूछा है कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश क्यों नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि साप्ताहिक अवकाश दिए जाने संबंधी जो आदेश जारी किया गया था, वह अब भी प्रभावी है या नहीं।
दरअसल प्रदेश में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का मामला बीते कई सालों से चर्चा में बना हुआ है। नए डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक आते ही सप्ताहिक अवकाश दने की घोषणा करते हैं। इसके बाद कुछ दिनों तक इस पर अमल होता है और फिर बंद कर दिया जाता है। अहम बात यह है कि इस मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर  एक अभियान तक चलाया जा चुका है। उनका कहना था कि अधिकारी सरकारी अवकाश के दिनों में डयूटी पर नहीं रहते हैं। अगर रहते भी हैं, तो वह उनकी मर्जी पर निर्भर होता है कि कब तक रहेगे। सोशल मीडिया में मचे बवाल के बाद 2018 में कांग्रेस पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था।
चुनाव आते ही आदेश पर अमल बंद
चार साल पहले लोकसभा चुनाव आने पर सभी पुलिसकर्मियों के सभी तरह के आदेश रद्द कर दिए गए थे। लिहाजा साप्ताहिक अवकाश भी रद्द कर दिया गया था। लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर फिर से साप्ताहिक अवकाश देने के आदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किए गए थे, जिसके बाद कुछ दिनों तक तो इस पर अमल किया गया , लेकिन धीरे धीरे त्योहारों और अन्य कारणों से सप्ताहिक अवकाश लगातार निरस्त होते रहे हैं। आलम यह है कि अब पुलिसकर्मियों का साप्ताहिक अवकाश पूरी तरह ही बंद कर दिया गया है। अब तो खुद पुलिसकर्मी भी इस मामले की बात करने पर खीजने लगते हैं। अब नई सरकार बनने के बाद से एक बार फिर से पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। इसकी बड़ी वजह है मामले का मानव अधिकार आयोग तक पहुंच जाना। आयोग में इस मामले को मानव अधिकार कार्यकर्ता व सुप्रीमकोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी ले गए हैं। इस मामले में  आयोग ने पुलिस मुख्यालय से जवाब तलब किया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो जवाब देने से पहले पुलिस विभाग के कल्याण शाखा की ओर से सभी पुलिस इकाईयों से कार्यवाही को लेकर प्रतिवेदन मांगा गया है।
कांग्रेस सरकार में जारी हुआ था आदेश

दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी और उसके बाद पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया था। यह आदेश पीएचक्यू के प्रशासन और एसएएफ शाखा से अलग-अलग जारी किया गया था। दोनों आदेश में कहा गया था कि इसका प्रभावी तरीके से पालन कराया जाए। साप्ताहिक अवकाश आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के मैदानी अधिकारियों को प्रदान किया गया था। पीएचक्यू की और जारी आदेश में आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाने लगा था। दिन के हिसाब से पुलिसकर्मियों की छुट्टी तय कर दी गई थीं। इसके बाद उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलने लगा था।

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