अब प्रदेश में सुलेमानी पत्थर से लेकर स्टोटाइट तक की होगी नीलामी

सुलेमानी पत्थर

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अब सुशासन के साथ ही ई- व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए शिव सरकार द्वारा रेत की तर्ज पर सुलेमानी पत्थर (अगेट), चूना कंकड़, अभ्रक, ऑकर, चाक, चीनी मिट्टी, बालू (अन्य) शेल, स्लेट और स्टोटाइट जैसे 31 तरह के गौण खनिजों की भी ई-नीलामी करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए तैयार किए गए प्रस्ताव को सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
इसके लिए सरकार द्वारा पिछले पांच सालों से नियम बनाने की कवायद की जा रही थी। इसके लिए जो नियम तैयार किए गए हैं उसके तहत अब सरकार द्वारा रेत बनाने के लिए पत्थर निकालने के भी पट्टा दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने खनिज के दाम भी तय कर दिए हैं। नए नियमों के मुताबिक अब मंत्री के अनुमोदन के बाद संचालक को उत्खनन पट्टा देने का अधिकार होगा। इसके अलावा चार हेक्टेयर तक के खनिज पट्टे कलेक्टर अपने ही स्तर पर दे सकेंगे। नए नियमों के तहत अब दूसरे राज्यों से आने वाले गौण श्रेणी में शामिल खनिजों पर 25 रुपये घन मीटर की दर से शुल्क की वसूली की जाएगी। अब तक पहले आओ- पहले पाओ की तर्ज पर आवेदन करने वालों को खदान आवंटित करने का प्रावधान था। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में 31 मुख्य खनिजों को गौण खनिज घोषित कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी फरवरी  2018 में इनको गौण खनिजों की सूची में शामिल कर लिया था, पर नियमों के अभाव में उनकी खादानों की नीलामी नहीं हो पा रही थी।
इसकी वजह से राज्य सरकार को हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था। कोरोना काल में सरकार की माली हालत जब अत्याधिक खराब हुई तो उसे अपने खजाने को भरने के लिए गौण खनिज की याद आई, तब कहीं जाकर नियम बनाए गए हैं। गौरतलब है कि इन खनिजों के पट्टे हासिल करने के लिए एक सैकड़ा से अधिक आवेदन दो साल से खनिज विभाग में पड़े हुए हैं।

Related Articles