
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार के लिए अपने मंत्रियों के लिए सरकारी बंगले मुहैय्या करना बेहद कठिन काम बन गया है। इस कठिनाई की वजह भी पार्टी के ही वे नेता हैं, जो पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इनमें से कई हारने के बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ रहे हैं तो कई वे विधायक हैं, जो इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा सके हैं। मंत्रिमंडल के गठन के बाद भी नए मंत्री विधायक विश्राम गृहों या फिर विभाग के रोस्टहाउसों से अपना काम चलाने को मजबूर बने हुए हैं। पार्टी के नेता होने की वजह से अफसर भी ऐसे माननीयों के खिलाफ सरकारी बंगला खाली कराने के लिए सख्ती नहीं कर पा रहे हैं। लिहाजा जिन मंत्रियों को आवास आवंटित हुए समय हो चुका हैं, उन्हें भी खाली नहीं होने की वजह से सरकारी बंगला नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि इस समस्या का हल खोजकर बंगला आवंटित करने का जिम्मा मुख्यमंत्री ने अपने सबसे सीनियर चार मंत्रियों को सौंप दिया है। इनमें जनजाति कार्य लोक पर संपत्ति प्रबंधन मंत्री विजय शाह, नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह शामिल हैं। इनसे समन्वय करने के लिए इस टीम में एसीएस और मुख्य सचिव गृह विभाग को भी शामिल किया है। यह कमेटी अब सरकारी बंगला खाली कराने से लेकर आवंटन का काम देखेगी। इस समिति के गठन के बाद माना जा रहा है कि अब पूर्व मंत्रियों को जल्द ही मंत्री बंगलों को खाली करना होगा। इसके बाद ही अब मंत्रियों को नए बंगले अलॉट होंगे। दरअसल सरकारी बंगले नहीं मिल पाने से मंत्रियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। गौरतलब है कि एक दर्जन मंत्री इस बार विस चुनाव में चुनाव हार चुके हैं। वहीं, 10 पूर्व मंत्री ऐसे हैं, जो चुनाव तो जीत गए हैं। लेकिन मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा पाए हैं, लेकिन इन 22 लोगों ने अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है। जिसकी वजह से नए मंत्रियों को बंगले नहीं मिल पा रहे हैं जिन मंत्रियों को बंगले आवंटित किए गए हैं, उनमें प्रहलाद पटेल, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, राव उदय प्रताप सिंह, सम्पतिया उइके,नारायण सिंह कुशवाह, निर्मला भूरिया, नागर सिंह चौहान, राकेश शुक्ला,चैतन्य कश्यप, धर्मेन्द्र सिंह लोधी,दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लखन पटेल शामिल हैं।
इन पूर्व मंत्रियों के बंगले नहीं होंगे खाली
जानकारों का कहना है कि लोकसभा क्लस्टर में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह से उनके आवास अभी खाली नहीं कराए जाएंगे। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी दूसरे बंगले की तलाश है। अभी वे अपने बेटे पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के बंगले को ठिकाना बनाए हैं। इसी तरह से कई अन्य मंत्री भी बंगला मिलने का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रियों को पसंद नहीं आ रहे बंगलेहाल ही में आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों को बंगला आवंटित किए थे, लेकिन मंत्रियों को वह आवास पसंद नहीं आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने सरकार से दूसरे बंगले आवंटित करने की मांग की है। उसके लिए नोटशीट भी बाकायदा शासन तक पहुंचा दी गई है। अधिकांश मंत्रियों ने 74 बंगले और चार इमली में आवास आवंटन के लिए आग्रह किया है।