मप्र में अब पारंपरिक फसलों की जगह अंजीर की खेती पर फोकस

अंजीर की फसल
  • अंजीर की फसल के लिए सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर 60 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है…

    भोपाल/प्रणव बजाज/ बिच्छू डॉट कॉम मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बनता जा रहा है, जहां पर किसानों द्वारा पारंपरिक अनाज की खेती की जगह नकदी वाली फसलों पर तेजी से रुझान बढ़ रहा है। इन नकदी फसलों में शामिल अंजीर भी अब किसानों की पसंद के रुप में सामने आ रही है। इसकी वजह से ही प्रदेश में अब अंजीर के रकबे में साल दर साल रकबा बढ़ता जा रहा है।  रकबा बढ़ने के मामले में अब तो प्रदेश कई राज्यों को लगातार पीछे छोड़ रहा है। इसकी एक वजह सरकार द्वारा इस फसल को बढ़ावा देने के लिए दिया जाने वाला अनुदान भी है। सरकार द्वारा इस फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 60 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है।
    अंजीर की फसल की खास बात यह है कि एक बार इस फसल को लगाने के बाद इससे 30 सालों तक पैदावार मिलती है। अधिकारी भी मानते हैं कि अब कृषि क्षेत्र में बदलाव हो रहा है। यही वजह है कि अब किसान अनाज की फसलों को छोड़कर नकदी फसलों की खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं सरकार भी किसानों की आय वृद्धि के लिए प्रयासरत है। इसके तहत ही इस साल बतौर प्रयोग सरकार ने उद्यानिकी विभाग के माध्यम से प्रदेश के 7 जिलों में 10 हेक्टेयर में अंजीर की खेती शुरू करवाने की पहल की है। इसके लिए अब तक 10 किसान आगे आ चुके हैं।
    इन जिलों में हो रही शुरुआत
    विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सीहोर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, रतलाम और इंदौर जिले में भी विभागीय स्तर पर अंजीर की खेती की शुरुआत की जा रही है। इसके बाद किसानों को इस फसल के लिए प्रेरित करने का काम किया जाएगा। योजना के तहत दो माह बाद सितंबर तक अंजीर के पौधे लगाए जाएंगे। इस फसल की खास बात यह है कि इसमें लागत कम तो आती ही है, साथ ही उसकी अधिक देखभाल की जरूरत नहीं होती है। इस वजह से इस फसल की खेती किसानों के लिए अधिक मुफीद रहने वाली है।
    औषधीय गुणों से भरपूर है अंजीर
    अंजीर को विश्व का सबसे मीठा फल माना जाता है आर्थिक रूप से भी यह किसानों के लिए उतना ही मीठा होता है। अंजीर का फल मीठा होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, विटामिन ए बी और सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके फल के इस्तेमाल से मधुमेह अपच दबाव और स्तन कैंसर जैसे तमाम रोगों में फायदा मिलता है।

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