
- छोटे उद्योगों को बढ़ाना देने के लिए जमीन खरीदने पर 90 फीसदी तक छूट दे रही सरकार …
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए सरकार कई सुविधाएं दे रही है। इसी कड़ी में अब सरकार ने प्रदेश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जमीन खरीदने पर 90 फीसदी तक छूट देने का तो निर्णय लिया ही है, साथ ही अब तय किया है कि नए पांच करोबारी मिलकर भी क्लस्टर बनाकर जमीन खरीद सकेंगे। इसके लिए सरकार ने औद्योगिक भूमि एवं भवन आवंटन के नियम में बदलाव कर दिया है।
सरकार की इस नीति से प्रदेश में औद्योगिक विस्तार तेजी से होने की संभावना है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौर में प्रदेश में तेजी से औद्योगिक निवेश हुआ है। पिछले 18 माह में प्रदेश में जहां 16,707 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है, वहीं 47,186 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। इस दौरान सरकार ने 879 एकड़ औद्योगिक भूमि भी आवंटित की है।
अगर प्रदेश में औद्योगिक निवेश का आंकलन करें तो पिछले 3 सालों में इस वर्ष प्रदेश में अधिक निवेश हुआ है। उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में 258 निवेशकों ने 6600 करोड़ रुपए का निवेश किया था, वहीं उस साल 630 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। वर्ष 2020-21 में 384 निवेशकों ने 11 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया था और निवेशकों को 840 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। जबकि वर्ष 2021-22 में 31 अगस्त तक 495 निवेशकों ने 5707 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस साल अभी तक 832 एकड़ जमीन निवेशकों को आवंटित की गई है।
क्लस्टर बनाकर आसानी से ले सकते हैं जमीन
कोरोना काल में औद्योगिक निवेश बढ़ने से उत्साहित होकर सरकार ने अब छोटे उद्योगों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इसलिए सरकार ने उद्योगों के लिए जमीन खरीदी में छूट देने का प्रावधान किया है। उद्योग विभाग के अफसरों ने बताया कि 5000 वर्गमीटर तक 90 फीसदी की छूट दी जाएगी। इंडस्ट्रियल एरिया में काफी जगह है, लेकिन बड़ी इंडस्ट्री नहीं आ रही हैं। ऐसे में छोटे उद्योगों को बढ़ाना देने के लिए ये फैसला हुआ है कि सरकार, उनको सरकारी जमीन खरीदी में छूट देगी, ताकि ज्यादा उद्योग स्थापित हो सके। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि एक इंच भी जमीन खाली न रहे। उद्योगों का जाल फैल जाए। इससे वहां खाली भूमि का उपयोग हो सकेगा।
लीज रेंट से मिल सकती है मुक्ति
सरकार ने औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रावधान किए है। यदि कोई व्यक्ति उद्योग के लिए जमीन आवंटन के समय और उसके बाद निर्धारित लीज रेंट की राशि का 10 गुना एकमुश्त जमा करता है तो आवंटी ईकाई लीज की वैधता अवधि में अगले 20 सालों के लिए लीज रेंट से मुक्त होगा। इसका मतलब ये होगा कि व्यक्ति को आगामी 20 साल तक लीज रेंट का भुगतान नहीं करना होगा। नई व्यवस्था लागू होने से गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, अचारपुरा, बगरोदा, सूखी सेवनिया समेत अन्य इलाकों में नए छोटे उद्योग स्थापित हो सकेंगे। अचारपुरा में फर्नीचर क्लस्टर, ऑक्सीजन क्लस्टर, सूखी सेवनिया में फूड क्लस्टर के लिए नए लोग आगे आएं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में असिंचित खेती की जमीन के लिए निर्धारित कलेक्टर गाइडलाइन को 0.6 भाग देने पर निकाला जाएगा। उस पर दी जाने वाली छूट लागू होगी।