
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। देश भर में सड़कों पर लगे टोल नाकों पर वसूले जाने वाले भारी भरकम टोल से परेशान वाहन चालकों ने अब इसका तोड़ खुद निकालते हुए सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए फास्टैग का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। इससे जहां वाहन चालकों को टोल में राहत मिल रही है तो वहीं सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश में फास्ट टैग अनिवार्य किया जा चुका है।
जिन वाहनों पर फास्ट टैग नहीं है उनसे दोगुना टोल वसूलने का नियम लागू किया गया है। इसकी वजह से कभी कभार ही अपने वाहनों से यात्रा करने वाले लोगों की जबरन जेब कटने लगी है। उधर आसपास के वाहन चालकों की भी इन टोल नाकों से मुसीबत बढ़ी हुई है। यही वजह है कि अब कुछ वाहन चालकों ने इसका तोड़ निकालते हुए एक ही फास्टैग का कई वाहनों पर उपयोग शुरू कर दिया है, जिससे कि टोल की बचत की जा सके। फास्टैग से टोल शुल्क ऑनलाइन खाते के माध्यम से कट जाता है। इसकी वजह से टोल नाकों पर लगने वाले प्लाजा क्रॉस करने के लिए वाहन चालकों द्वारा एक ही फास्टैग स्टीकर का उपयोग कई-कई वाहनों पर किया जा रहा है। दरअसल यह चालाकी वाहन चालकों द्वारा इसलिए की जा रही है कि टोल प्लाजा पर 15 मिनट के अंदर एक फास्टैग की एक ही बार रीडिंग की जाती है। इसका फायदा उठाकर एक ही फास्टैग का उपयोग कर दो अलग-अलग वाहनों को निकाला जा रहा है, जिससे टोल की वसूली करने वाली कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह खुलासा टोल कंपनियों द्वारा निकलने वाले वाहनों व उनसे वसूले गए टोल के मिलान में हुआ है। इस तरह का खुलासा कई टोल नाकों पर अब तक हो चुका है। इसी तरह से मासिक फास्टैग पास का उपयोग करने वाले भी अपने फास्टैग का उपयोग दूसरे वाहनों में भी करवा रहे हैं।
अब विभाग को बनानी पड़ रही नई योजना
फास्ट टैग की व्यवस्था लागू करने के लिए एनएचएआइ को लंबे समय तक इसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए परेशान होना पड़ा था। किसी तरह से से जैसे- तैसे आवागमन से जुड़े आपरेटर इसके लिए तैयार हुए तो अब यह नई परेशानी खड़ी हो गई है। अब विभाग को इसस समस्या का सामाधन करने के लिए नए सिरे से कार्ययोजना बनानी पड़ रही है।