
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही लोग, खेती को घाटे का सौदा कहें, लेकिन वास्तविकता यह है कि सरकार के प्रयासों से अब यह लाभ का धंधा बनने के रास्ते पर तेजी से है। इस क्षेत्र में अब भी तेजी से कई तरह के नवाचार किए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने अब तय किया है कि खेती की व्यवस्था को उद्योग की तरह से बनाया जाए, जिससे से किसान को परेशान भी न होना पड़े और उसे अधिक मुनाफा भी हो सके। यही वजह है कि अब केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि पारंपरिक खेती की व्यवस्था को इंडस्ट्री की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसके लिए खेतों में फसल उत्पादन, फिर बाजार और अंत में उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में शामिल सभी पक्षों को एक साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार के इन प्रयासों ने बिचौलिया व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और उसकी जगह पोर्टल और ऐप आधारित व्यवस्था लागू की जाएगी। इसी तरह का एक अन्य प्रयास भी सरकारी स्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए मप्र में किसान सभा और सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम्स फॉर फार्मस शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत चेन में शामिल सभी पक्षों को ऐप आधारित सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा, जिससे किसानों का काम आसान हो जाएगा।
किसान सभा ऐप पर मिलेगी सभी सुविधाएं
सरकार द्वारा नई व्यवस्था के तहत किसान सभा ऐप बनवाया गया है। यह ऐप किसानों को सप्लाई चेन और ट्रांसपोर्ट सुविधा से जोड़ने में मददगार रहेगा। इससे फसल, खाद और बीज की खरीदी-बिक्री का काम आसानी से किया जा सकेगा। इस एंप को विकसित करने के पीछे सरकार की मंशा किसान, ट्रांसपोर्टर, कृषि उद्योग से जुड़े व्यवसायियों की समस्याओं का समाधान करना है। यह पोर्टल किसानों, ट्रांसपोर्टर, खेती-किसानी से जुड़ी सुविधाएं देने वाले विक्रेताओं, कोल्ड स्टोरेज, मंडी डीलर और ग्राहकों को जोड़ने का काम करेगा। इसकी वजह से किसानों को अपने उत्पाद के लिए बाजार आसानी से मिल सकेगा। इन्हें बाद में इस ऐप के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्रों से भी जोड़ दिया जाएगा, जिससे किसानों को केवीके नेटवर्क का भी पूरा फायदा मिलेगा।
किसानों को दिए जाएंगे कई तरह के कार्ड
इस योजना को लागे करने के लिए प्रदेश में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित किसान सभा पोर्टल के माध्यम से जोड़कर ऐप से सुविधाएं देनी शुरू कर दी जाएंगीं। ऐप से संपूर्ण चेन में शामिल वर्गों को जोड़ने किसान कार्ड, मंडी डीलर कार्ड, सर्विस प्रोवाइडर कार्ड और ट्रांसपोर्टर कार्ड बना कर किसानों को दिए जाएंगे। पोर्टल का लाभ लेने के लिए किसान कार्ड को सक्रिय करना जरूरी है। यह काम सरकार द्वारा जिस कंपनी को दिया जाएगा, वह कंपनी किसानों के घरों पर जाकर उनकी जानकारी अपलोड कर कार्ड को सक्रिय करने का काम करेगी।