अब गांव की सड़कों पर दौड़ेंगी सहकारी बसें

सहकारी बसें
  • रोजगार और पर्यटन बढ़ाने सरकार की अभिनव पहल

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देने के लिए सहकारिता विभाग ने प्रदेश के गांवों में सहकारी बसें चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके पीछे सरकार  की सोच है  कि लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए शिवराज सरकार नए महासंघ बनाने जा रही है।
 इसका उद्देश्य सहकारिता के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करना है। गौरतलब है कि मप्र राज्य परिवहन निगम बंद होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की परिवहन सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। निजी आपरेटर मुनाफे वाले मार्ग पर ही बसों का संचालन करते हैं। ऐसे में ग्रामीणों की असुविधा को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण परिवहन सेवा प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसमें सहकारी संस्थाओं की बड़ी भूमिका रहेगी। सहकारिता विभाग ग्राम स्तर पर परिवहन समितियां गठित कर रहा है, जो गांव-गांव में सहकारी बसें चलाएंगी। इससे रोजगार के अवसर तो बनेंगे ही ग्रामीणों की परिवहन की सुविधा भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
35 संस्थाओं का हो चुका है पंजीयन सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहकारिता के माध्यम से विकास की जो अवधारणा है, उसे ध्यान में रहते हुए नवाचार किए जा रहे हैं। इसमें ग्रामीण परिवहन सेवा का क्षेत्र भी चुना गया है। प्रदेश में 35 संस्थाओं का पंजीयन हो चुका है। प्राथमिक स्तर पर समितियां  बनेंगी और ये सभी जिला समितियों से संबद्ध होंगी। राज्य स्तर पर महासंघ गठित किया जाएगा, जो पूरी व्यवस्था की देखरेख करेगा। ग्रामीण परिवहन नीति में सहकारी समितियों द्वारा परिवहन सेवा देने के प्रस्ताव पर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर परमिट दिया जाएगा। विभाग के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर का कहना है कि समितियों के पंजीयन का कार्य चल रहा है। जल्द ही महासंघ के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
बस संचालन के साथ पर्यटन सुविधाएं देंगे सहकारी महासंघ
शिवराज सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ उन क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशी जा रही है, जहां कम निवेश के साथ रोजगार के अधिक से अधिक मौके बनाए जा सकें। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मंथन किया था। इसमें सुझाव दिए गए थे कि महिला स्व-सहायता समूह जैसे अन्य क्षेत्र सहकारी संस्थाओं के लिए तलाशे जाने चाहिए। सहकारिता विभाग ने इसके मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में बसों के संचालन, पर्यटकों को सुविधा देने, विभिन्न क्षेत्रों में सेवा प्रदाता, खनिज खनन, फल व सब्जी के प्रबंधन से जुड़े क्षेत्र में काम करने के लिए महासंघ बनाने की तैयारी है।

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