अब उचित मूल्य की दुकानों पर भी मिलेंगी सस्ती दवाएं

सस्ती दवाएं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आर्थिक रूप से मजबूत करने और लोगों को सस्ते दामों में दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अब प्रदेश में सहकारी समितियों को दवाएं बेचने का जिम्मा भी दिया जा रहा है। फिलहाल यह समितियां खाद-बीज बेचने, गेहूं-धान का उपार्जन और उचित मूल्य की दुकानों का संचालन करती हैं। इसके लिए जन औषधि केंद्रों का संचालन का जिम्मा समितियों को देने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
इन दवा केन्द्रों के लिए अब तक प्रदेश की 263 समितियां आवेदन दे चुकी हैं, जिसमें से 195 के आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से एक दर्जन समितियों को ड्रग लाइसेंस भी दिया जा चुका है। फिलहाल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आमजन को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने की पहल पर प्रदेश में अभी 302 जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा है। उनकी मंशा को देखते हुए ही प्रदेश में जन औषधि केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसका जिम्मा सहकारिता विभाग को दिया गया है। विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने का काम अपने हाथ में लिया है। इसके लिए 23 सहकारी समितियां अब तक आगे आई हैं और उन्होंने केंद्र सरकार को जन औषधि केंद्र के संचालन के लिए आवेदन किए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक जिले में पांच केंद्र संचालित करने का लक्ष्य रखा है। 195 समितियों के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं और 12 समितियों को ड्रग लाइसेंस भी मिल गया है। बाकी समितियां आवेदन कर चुकी हैं। 63 समितियों ने फार्मासिस्ट नियुक्त कर दिए हैं तो, बाकी में इनकी नियुक्तियों की कवायद जारी है।
उज्जैन की रूपेटा समिति ने तो तेजी से काम करते हुए दवा खरीदने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है। नए जन औषधि केन्द्रों को खोलते समय इस बात का पूरी तरह से ध्यान दिया जा रहा है कि वे सरकारी प्राथमिक या सामुदायिक केंद्र के पास ही हों। इसकी वजह है मरीजों को अस्पताल के पास ही सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार समितियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता नहीं देगी। उन्हें स्वयं ही संसाधन जुटाने होंगे, इसलिए अभी वे समितियां ही आगे आई हैं, जिनकी वित्तीय स्थिति अच्छी है। फार्मासिस्ट को वेतन भी दवा बेचने से
जो आय होगी, उसमें से समिति द्वारा दिया जाएगा।
किया जा रहा है विस्तार
प्रदेश सरकार केंद्र की मंशा के अनुरूप सहकारिता के क्षेत्र में विस्तार के लिए नए क्षेत्र तलाश रही है। ग्रामीण परिवहन के साथ भंडार गृह, पर्यटन, जैविक खाद, जन औषधि केंद्र सहित अन्य विकल्पों पर काम किया जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर नई समितियां बनाने के साथ प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को भी नए क्षेत्रों से जोड़ने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।

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