अब निकायों को तैयार करने होंगे खुद के जलस्रोत

पानी

निरंतर जलापूर्ति के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने तैयार की योजना…

भोपाल/विनोद उपाध्याय//बिच्छू डॉट कॉम। शहर में हर घर को पर्याप्त पानी मिले इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों को खुद के जल स्रोत विकसित करने का निर्देश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि नगरीय निकाय जितने पानी का संग्रहण करेंगे, उतने ही पानी की सप्लाई कर पाएंगे। उन्हें दूर-दराज के जलाशयों पर आश्रित न होकर खुद के जलस्रोत तैयार करने होंगे, ताकि वे हर घर में नल कनेक्शन देने के साथ रोज पानी सप्लाई कर सकें।
नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव के अनुसार, अमृत-2 योजना में जल प्रबंधन, जल संरक्षण, पानी के री यूज पर खास तौर पर फोकस किया गया है। निकायों को तालाब निर्माण और गहरीकरण, जल संग्रहण, जलाशयों को रीचार्ज करना होगा। यह कवायद अमृत-2 योजना के तहत होगी। सरकार ने योजना को लॉन्च करते हुए शहरों को लक्ष्य दिए  हैं।  इसमें प्रदेश के 407 निकायों को सरकार 22 हजार करोड़ रुपए देगी।

बारिश का पानी संग्रहित करना होगा
शहरों में वॉटर मैनेजमेंट पर प्लान तैयार होगा। इससे लोगों को बारिश में नल के जरिए जितना पानी सप्लाई किया जाएगा, उतना ही पानी गर्मी के मौसम में भी मिलेगा। इसके लिए निकाय जितना पानी सालभर में सप्लाई करेंगे, उतना बारिश के दौरान संग्रहित करना होगा। योजना के तहत बड़े शहरों में दो-दो तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना तय किया गया है। जिन शहरों की आबादी 50 हजार से कम है, उन्हें एक तालाब के जीर्णोद्धार करने के लिए राशि दी जाएगी। उन्हें पानी सप्लाई के लिए शहर अथवा आसपास के क्षेत्रों के जलाशयों को  संरक्षित भी करना होगा। राज्य सरकार से मिलने वाली राशि से निकायों को पार्क बनाने के साथ हरियाली तैयार करने, संपत्तिकर प्रबंधन पर जीआईएस आधारित प्लान तैयार करना होगा। संपत्तिकर की 100 फीसदी वसूली करने वाले निकायों को इंसेंटिव दिया जाएगा।

पानी सप्लाई प्रबंधन पर विशेष काम
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग निकुंज श्रीवास्तव का कहना है कि अमृत-2 योजना में नगरीय निकायों को पानी सप्लाई प्रबंधन पर विशेष काम करना होगा। निकाय अपने जल स्रोतों से ही घरों में पानी सप्लाई करेंगे। निकायों में जितना पानी सप्लाई होगा, उसका 20 प्रतिशत पानी रीयूज करना होगा। इसके लिए एडवांस प्लान देना होगा कि निकाय रीयूज पानी कहां उपयोग में लाएंगे। ऐसे ही सीवरेज के पानी को लेकर व्यवस्था रहेगी। पानी सप्लाई, संग्रहण, जल शुद्धिकरण सहित अन्य कार्यों पर जो संस्था/व्यक्ति तकनीक इजात करेगा, उसे 20 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए निकाय, जिला और प्रदेश स्तर पर कमेटी बनेगी। यह केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी।

Related Articles