
- पार्टी वोट बैंक में 10 फीसदी की वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने की कवायद….
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में भाजपा द्वारा अपने वोट बैंक में दस फीसदी का इजाफा करने के लिए आदिवासी के साथ ही आधी आबादी पर नजर लगी हुई है। यही वजह है कि अब इन दोनों वर्गों के बीच पार्टी लगातार अपनी सक्रियता बढ़ाकर उन्हें जोड़ने के प्रयासों में लग गई है। दरअसल अगले आम विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी हाईकमान द्वारा पार्टी के वोट बैंक में बढ़ोत्तरी के लिए दस फीसदी का लक्ष्य दिया गया है।
यही वजह है कि भाजपा ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीति बनाकर काम तेजी से शुरू कर दिया है। भाजपा हाईकमान द्वारा मध्यप्रदेश को दी गई 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने की नसीहत के बाद पार्टी ने आदिवासियों के साथ अब महिलाओं पर फोकस किया है। दरअसल यह पूरी कवायद मिशन 2023 और उसके एक साल बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए की जा रही है। प्रदेश के 5 करोड़ से अधिक मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 2.42 करोड़ है। इसी तरह आदिवासी वर्ग की कुल आबादी 20 फीसदी से अधिक है। भाजपा के चुनावी प्रबंधकों व रणनीतिकारों का मानना है इन दोनों वर्गों का साथ मिल जाने पर विधानसभा में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा उनके पास आ जाएगा। यही वजह है कि अब सत्ता-संगठन की ओर से आधी आबादी अर्थात महिलाओं को पार्टी के पक्ष में जोड़ने के लिए कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। वाराणसी कॉन्क्लेव के जरिए भी हाईकमान ने महिला वर्ग पर फोकस करने की जरूरत बताई थी। यही वजह है कि अब संगठन की ओर से कहा गया है कि बूथ स्तर पर उन महिलाओं का नाम मतदाता सूची में जुड़वाएं जो अभी तक शामिल नहीं हैं, क्योंकि चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि आबादी के हिसाब से प्रदेश में ऐसी महिलाओं की संख्या अधिक है, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। यह आंकड़ा एक हजार में 14 महिलाओं का बताया जाता है।
पकड़ मजबूत करने की चिंता
दरअसल बीते विधानसभा के आम चुनाव में भाजपा को आदिवासी इलाकों में सर्वाधिक नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने से वंचित हो गई थी। प्रदेश में इस वर्ग के लिए आरक्षित 47 आरक्षित सीटों में से भाजपा को महज 16 पर ही जीत मिली थी। इसके पहले 2013 के चुनाव में 31 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी और भाजपा लगातार सरकार बनाने में सफल रही थी। इसी वजह से भाजपा ने मिशन 2023 को ध्यान में रखकर बूथ स्तर पर 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने की योजना पर काम शुरू किया है। यह योजना 20 जनवरी से दस दिन के लिए बूथ विस्तारक नाम से शुरू की जा चुकी है। इसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने भी बूथ-बूथ घूमकर जनाधार बढ़ाने के लिए 100 घंटे का समय देने का ऐलान किया है।
आर्थिक सहायता योजना घोषित
महिलाओं को पार्टी के पक्ष में करने के लिए ही मप्र सरकार ने घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न के मामलों में नई सहायता योजना जारी की है। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने जिस तरह महिलाओं पर फोकस किया है उसके बाद भाजपा ने भी मप्र में इसी लाइन पर तैयारी अभी से शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि अभी विधानसभा में कुल 21 महिलाएं बतौर सदस्य हैं। इनमें भाजपा की 14, कांग्रेस की6 और एक बसपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुई हैं। इसके पहले वर्ष 2013 में चुनाव के बाद विधानसभा में महिलाओं की संख्या 31 थी।