मंत्रालय में अब चेहरे से लगेगी हाजिरी

मंत्रालय
  • अटेंडेंस के सिस्टम नाकाम, समय से ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे अधिकारी-कर्मचारी

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में सरकार लगातार कवायद कर रही है। इसके लिए सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि मंत्रालय में ही इसका ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। मंत्रालय के कई अधिकारी, कर्मचारी अब भी समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए मंत्रालय में अधिकारी, कर्मचारियों की उपस्थिति व्यवस्था को सुधारने और पारदर्शी बनाने के लिए फिर नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। जिसके तहत मंत्रालय में अब चेहरे से हाजिरी लगेगी।
गौरतलब है कि मंत्रालय के अधिकारी, कर्मचारी समय पर ड्यूटी पहुंचे, इसके लिए यहां पिछले 16 महीने में अटेंडेंस लगाने की दो व्यवस्थाएं लागू की गईं, लेकिन ये व्यवस्थाएं कारगर साबित नहीं हुई। मंत्रालय के कई अधिकारी, कर्मचारी अब भी समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए हुए मंत्रालय में अधिकारी, कर्मचारियों की उपस्थिति व्यवस्था को सुधारने और पारदर्शी बनाने के लिए फिर नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रालय में कर्मचारियों की अटेंडेंस फेस स्कैन के जरिए लगाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही उच्च अधिकारियों की गाडिय़ों की नंबर प्लेट स्कैन करके अटेंडेंस लगाई जाएगी। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने साढे चार साल पहले केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में फाइव डेज वीक लागू 6 किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 अप्रैल, 2021 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार कार्यालयों के पूर्व के समय (सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे) में संशोधन करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जीएडी के आदेश के बाद रविवार के साथ ही हर शनिवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहने लगा है, जबकि कोरोना काल से पूर्व महीने के पहले और चौथे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते थे।
फेस रिकग्निशन मशीनें लगाई जाएंगी
मंत्रालय में कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति के लिए मंत्रालय के मुख्य द्वार पर फेस रिकग्निशन मशीनें लगाई जाएंगी। कर्मचारी इन मशीनों के सामने खड़े होकर फेस स्कैन करने के बाद ही मंत्रालय में प्रवेश कर सकेंगे। ऐसे ही ड्यूटी खत्म होने पर मंत्रालय से बाहर जाते समय कर्मचारियों को मशीन पर फेस स्कैन करना अनिवार्य होगा। इससे उनके मंत्रालय आने-जाने का सही समय सॉफ्टवेयर में दर्ज हो पाएगा। ऐसे ही जिन अधिकारी, कर्मचारियों को सरकारी गाडिय़ां आवंटित हैं, मंत्रालय जाते और वहां से बाहर आते समय गाडियों की नंबर प्लेट स्कैन होगी। इसके जरिए उनकी हाजिरी लगाई जाएगी। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी अधिकारी, कर्मचारी समय पर मंत्रालय पहुंचे और कार्य संस्कृति में अनुशासन बढ़े।
अभी तक के सारे प्रयोग फेल
सामान्य प्रशासन विभाग ने नई व्यवस्था शुरू करने को लेकर प्रारंभिक तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है। मंत्रालय में अधिकारी, कर्मचारियों की संख्या 1500 से ज्यादा है। दरअसल, मंत्रालय में अधिकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले साल जून में सख्ती बरतते हुए अटेंडेंस को लेकर नई व्यवस्था शुरू की थी। इस व्यवस्था में कर्मचारियों को मंत्रालय पहुंचकर सबसे पहले अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर करना होते थे। सभी विभागों के सचिव स्तर के अफसरों को रोजाना दोपहर डेढ़ बजे सामान्य प्रशासन विभाग को रिपोर्ट सौंपना होती थी की कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुंचे या नहीं। लेट आने वाले कर्मचारियों की सीएल लगा दी जाती थी। इस सख्ती का नतीजा यह हुआ कि कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचने लगे, लेकिन कुछ महीने बाद जैसे ही विभागों ने अटेंडेंस की डेली रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर नरमी बरती, कर्मचारियों का वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया। पूर्व की तरह वे देरी से मंत्रालय पहुंचने लगे। इस कारण जीएडी ने मंत्रालय में गत फरवरी में आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस व्यवस्था शुरू की। इस व्यवस्था में मंत्रालय परिसर के चारों ओर एक निश्चित दूरी से मोबाइल के जरिए कर्मचारियों को अटेंडेंस लगाने की सुविधा दी गई है, लेकिन यह व्यवस्था भी कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लगाने में कारगर साबित नहीं हो पाई है। इस कारण यहां अटेंडेंस लगाने की नई व्यवस्था शुरू की जा रही है।

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