
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
राजधानी के निकट सीहोर स्थित वीआईटी विश्वविद्यालय में हुए उपद्रव के मामले में सरकार नोटिस देकर तानाशाह प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करना भूल गई है। मप्र निजी विवि नियामक आयोग के प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग ने 1 दिसंबर को वीआईटी विश्वविद्यालय के प्रबंधन को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर जवाब मांगा था। लेकिन 14 दिन बीतने के बाद भी सरकार ने वीआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। स्थानीय प्रशासन से लेकर उच्च शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरेन्द्र सिंह भलावी ने 1 दिसंबर को वीआईटी विश्वविद्यालय को नोटिस भेजा था। जिसमें उन्होंने निजी विवि नियामक आयोग की रिपोर्ट का हवाला देकर प्रबंधन को तानाशाह बताते हु विवि परिसर में खुद के बनाए नियम चलाने की बात कही थी। भलावी के नोटिस में कहा गया था कि यदि 7 दिन के भीतर जवाब नहीं आया तो फिर एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। अब 14 दिन की समयावधि बीत चुकी है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि वीआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 25 नवंबर को परिसर में जो उपद्रव की घटना हुई थी, उस संबंध में जवाब आया है या नहीं। विवि प्रबंधन का नोटिस जारी करने वाले अधिकारी ने भी चुप्पी साध ली है।
पूरे मामले को दबाने की तैयारी
मप्र निजी विवि नियामक आयोग द्वारा सरकार को सौंपे प्रतिवेदन के अनुसार व्हीआईटी विश्वविद्यालय परिसर में स्वयं के नियम चलते थे। परिसर में डर का वातावरण था। विद्यार्थियों को दूषित भोजन दिया जाता था। उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती थी। यहां तक कि उनके साथ मारपीट तक की घटनाएं होती थीं। विवि में 3-4 चुनिंदा अधिकारी का ही बोलबाला था। इस संबंध में मुख्यमंत्री तक को भी शिकायतें पहुंची। लेकिन उपद्रव की घटना का अब लगभग दबा दिया गया है। न तो स्थानीय पुलिस में किसी तरह का प्ररकण दर्ज हुआ और न ही जिम्मेदार एजेंसी कैंटीन, पानी, क्लिनिक, पर्यावरण, फायर सेफ्टी की जांच के लिए विवि परिसर में घुसी।
