माननीयों की दो हजार से अधिक याचिकाओं पर नहीं हुई कार्रवाई

विधानसभा
  • विधायकों की याचिकाओं पर विभाग नहीं देते ध्यान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली से आम आदमी ही नहीं, विधायक भी परेशान हैं। आलम यह है कि अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं को लेकर विधायक विधानसभा सत्र के दौरान याचिकाएं लगाते हैं, लेकिन विभाग उन पर कार्रवाई करने से कतराते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 16 वीं विधानसभा में अभी तक 2720 याचिकाएं लगाई गई हैं, लेकिन उनमें से दो हजार से अधिक पेंडिंग हैं।
गौरतलब है कि समय-समय पर विधानसभा अध्यक्ष और सचिवालय विभागों को विधायकों की याचिकाओं का समय पर निराकरण करने का निर्देश देते रहते हैं, लेकिन विभाग इस ओर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। उदाहरणार्थ निवाड़ी जिले के ग्राम मजल से ककावनी तक अधूरी सडक़ के कारण रोजाना सैकड़ों लोग परेशान होते हैं। लोगों की सुविधा के लिए इसका निर्माण कराए जाने और ग्राम समरया खिरक वार्ड-3 से ककावनी नहर के किनारे तक सडक़ का निर्माण कराए जाने संबंधी याचिका पृथ्वीपुर विधायक नितेन्द्र सिंह राठौर ने विधानसभा के मार्च 2025 में हुए सत्र में लगाई थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। न स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान दे रहा है और न संबंधित विभाग ने कुछ किया है। यह तो मात्र एक उदाहरण है।
70% में सुनवाई नहीं
16 वीं विधानसभा में अभी तक विधायकों ने 2720 याचिका लगाई हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत में सुनवाई नहीं हो पाई है। इस कारण प्रदेश के 230 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी कई समस्याएं हैं जिनसे रहवासी जूझ रहे हैं। जनता के प्रतिनिधि होने के नाते संबंधित क्षेत्र के विधायक इस समस्या के त्वरित निराकरण के लिए विधानसभा सत्र के दौरान याचिकाएं लगाते हैं। लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इन पर ध्यान नहीं देने से यह सालों पेंडिंग बनी रहती हैं। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायक जन समस्याओं के निराकरण के संबंध में याचिकाएं लगाते हैं। विधानसभा में इसके लिए एक याचिका समिति है जो इनको संबंधित विभाग के पास भेजती है। समिति बैठक के दौरान समीक्षा करती है। काम नहीं होने पर विभाग को पत्र लिखे जाते हैं। यदि पत्रों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो विभाग को सुनवाई के लिए तलब किया जाता है।
कांग्रेस और भाजपा विधायकों के अपने-अपने तर्क
विधानसभा में लगाई जा रही याचिकाओं के संदर्भ में भाजपा और कांग्रेस विधायकों के अपने-अपने तर्क हैं। निवाड़ी के पृथ्वीपुर से कांग्रेस विधायक नितेन्द्र सिंह राठौर ने कहा, अभी तक जितनी याचिकाएं लगाई हैं उनमें से केवल 20 प्रतिशत पर ही काम हुआ है और 80 प्रतिशत पेंडिंग हैं। हम लोग आम लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए ही विधानसभा में याचिका लगाते हैं, न कि अपने खुद के काम के लिए। सरकार इन्हें प्राथमिकता में लेकर काम कराए। वहीं जबलपुर उत्तर से भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने कहा, जो याचिकाएं लगाई हैं उनमें से 70 प्रतिशत पर काम हुआ केवल 30 प्रतिशत ही पेंडिंग हैं।

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