परिवारवाद, भ्रष्टाचार और… तुष्टिकरण चुनावी मुद्दा

  • भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक जल्द
  • विनोद उपाध्याय
चुनावी मुद्दा

देश में अबकी बार 400 पार के लिए भाजपा ने राष्ट्रीय अधिवेशन में रोड मैप तैयार कर लिया है। अब प्रदेश इकाइयों को उस रोडमैप पर काम करना है। ऐसे में मप्र में मिशन 29 के लिए रणनीति बनाने भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक जल्द होने वाली है। इस बैठक में राष्ट्रीय अधिवेशन के रोडमैप पर चर्चा होगी और उसके क्रियान्वयन का कार्यक्रम बनाया जाएगा। इस बार के चुनाव में पार्टी कांग्रेस के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को चुनावी मुद्दा बनाकर मैदान में उतरेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जो चुनावी मंत्री दिया है उसे साकार करने की रणनीति बनाने के लिए मप्र भाजपा संगठन जल्द ही  प्रदेश कार्यसमिति की बैठक करने जा रहा है। गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव को देश का भाग्य बदल देने वाला समय बताया है। फिर से वापसी का हुंकार भरते हुए उन्होंने चुनावी प्रचार का रोडमैप भी बताया और कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार के 10 साल के काम और अगले पांच साल के प्लान के साथ हर लाभार्थी और मतदाता तक पहुंचने की अपील की। तीसरी बार भाजपा सरकार को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से अगले 100 दिनों तक पूरे जोश और उत्साह के साथ जुटने का आह्वान किया।
दो प्रस्तावों पर पूरा चुनाव अभियान
पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में दो बड़े प्रस्ताव पेश किए गए। इन्हीं प्रस्ताओं के आधार पर भाजपा का चुनाव अभियान चलाया जाएगा। पहला राजनीतिक प्रस्ताव देश के गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया- विकसित भारत-मोदी की गारंटी। दूसरा पृथक से प्रस्ताव राम मंदिर को लेकर पेश किया गया। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि दस वर्षों में भारत ने देश की महान लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक परम्पराओं के साथ साथ देश की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान किया है। बीते दस वर्षों में देश की जनता ने मोदी की गारंटी को देश के घर घर में पहुंचते देखा और इन गांरिटयों के कल पर देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकलते भी। उनके नेतृत्व में बीते दस साल में चुनावी सफलता के भी नए आयाम गढ़े गए। कच्छ से लेकर कामरूप तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाजपा हर दिल की धडक़न बनी। दस पेज के इस राजनीतिक प्रस्ताव में उपलब्धियों से भरे दस वर्ष और मोदी की गारंटी का विस्तार से जिक्र किया गया है तो विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में देश को दस सालों में मिली सफलता पर फोकस किया गया है। प्रस्ताव में इस बार का खासतौर पर जिक्र किया गया है कि मोदी सरकार ने पहली बार देश के सर्वोच्च सम्मानों को एलीट कैटेगरी से बाहर निकाला है और ये प्रस्ताव अब गुमनाम समाजसेवियों को मिल रहे है। प्रस्ताव में विश्वास व्यक्त किया गया है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भाजपा इस बार 370 के आंकड़ों को प्राप्त करेगी और एनडीए गठबंधन चार सौ पार पहुंचेगा। राम मंदिर पर आए प्रस्ताव में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा के लिए किए गए प्रयासों को विस्तार से जिक्र है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि दिव्य मध्य मंदिर का निर्माण देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि है। अब मप्र भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में रणनीति बनाकर चुनावी मोर्चा संभालेगी।
इसी महीने होगी प्रदेश कार्यसमिति
पार्टी ने तय किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दस सालों के कार्यकाल में हुए विकास, आमजन से जुड़ी योजनाओं, राम मंदिर को लेकर जनता के बीच जाएगी। इसके साथ ही कांग्रेस के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण को भी इन चुनावों में मुद्दा बनाएगी। राष्ट्रीय अधिवेशन के एक पखवाड़े के भीतर राज्यों से प्रदेश कार्यसमिति करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति इस महीने के अंत या फिर मार्च के पहले हफ्ते में होगी। इसके बाद मोदी का संदेश जिलों में भेजा जाएगा। राष्ट्रीय अधिवेशन में हुए चार सत्रों के माध्यम से कार्यकर्ताओं का साफ संदेश दिया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की आशा है और विपक्ष हताशा में है। विपक्ष के काम में कमियां निकालेगा, हमें विकास की अपनी योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाना है, इसके लिए पार्टी ने अपने गांव चलो अभियान को और ज्यादा गति देने को कहा। राम मंदिर मुद्दे को भी जनता के बीच प्रभावी तरीके से रखने के लिए अधिवेशन में नेताओं ने आव्हान किया। अधिवेशन के बाद हुई प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि अगले एक पखवाड़े के भीतर राज्यों में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी, इसके बाद जिला और मंडलस्तर तक की कार्यसमिति की बैठकें होगी और राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए गए निर्णयों के बारे में हर कार्यकर्ता को चताया जाएगा। जल्द की प्रदेश को अगले तीन महीने का चुनावी रोडमैप भी मिल जाएगा।
मतदाताओं को जोड़ने पर जोर
राष्ट्रीय अधिवेशन में मतदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया। मोदी ने मंडल प्रभारियों को हर एक पन्ना प्रमुख से 30 दिन में कम से कम एक बार मिलने को कहा है। मोदी चाहते हैं कि भाजपा हर वोटर तक व्यक्तिगत तौर पर पहुंचे। इसके लिए सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने को कहा गया है। देश में 10 लाख 35 हजार बूथ हैं, यानी एक लोकसभा क्षेत्र में करीब 1900 बूथ। अगर हर बूथ पर 370 वोट जोड़े गए, तो एक लोकसभा क्षेत्र में 7 लाख वोट जोडऩे होंगे और पूरे देश में 38 करोड़ वोटर जोडऩे होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को हर लाभार्थी तक पहुंचकर प्रधानसेवक का प्रमाण पहुंचाने को कहा। लाभार्थी के साथ मिलने पर कार्यकर्ताओं को नमो एप के सहारे लाभार्थी को मोदी की चि_ी भी देने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने पिछले 10 साल के काम और पांच साल के प्लान के साथ हर मतदाता तक पहुंचने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मतदाताओं संपर्र्क के समय पंथ, परंपरा को दरकिनार रखना होगा। किसी कारण यदि कोई मतदाता अभी तक भाजपा के साथ नहीं जुड़ नहीं पाया है, तो उन्हें भी इस बार साथ में जोडऩे के लिए काम करना होगा। प्रदेश में राष्ट्रीय अधिवेशन के संकल्पों का क्रियान्वयन कैसे करना है इसका निर्णय प्रदेश कार्यसमिति में होना है।

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