लापरवाही: थमा दिए गलत उत्तर अब देना होंगे बोनस के अंक

माध्यमिक शिक्षा मंडल
  • माध्यमिक शिक्षा मंडल का कारनामा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल का काम भगवान भरोसे है। विभाग के जिम्मेदार अफसर किस हद तक लापरवाह हैं, इसका खुलासा दसवीं और बारहवीं परीक्षा के प्रश्नपत्रों से होता है। हालत यह है कि एक दो नहीं बल्कि कई विषयों के प्रश्न पत्रों में गलत उत्तर लिख दिए गए, जिसकी वजह से अब ऐसे प्रश्नों के मामले में बोनस अंक देने पड़ेगे। इससे प्रदेश के 18 लाख परीक्षार्थियों के सामने अजीब संकट खड़ा हो गया है। इस तरह के मामलों के खुलासे के बाद भी मंडल ने न तो पेपरा बनाने वालों पर कोई कार्रवाई की है और न ही प्रश्नपत्रों को तय करने वालों पर। अपनी इस बड़ी गलती को छिपाने के लिए अब मंडल गलत उत्तर वाले प्रश्नों की भरपाई बोनस अंकों के रुप में करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल जब कापियां मूल्यांकन के लिए आयीं तो मूल्यांकन कर्ता भी हैरान परेशान हो गए कि आखिर ऐसे प्रश्नों का क्या करें। इसकी वजह थी स्टूडेंट से परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए उनमें कई ऐसे थे जिनके उत्तर गलत निकले। मामला मंडल तक पहुंचा तो तय किया गया कि इनकी भरपाई के लिए बोनस अंक दे दिए जाएं। इसके लिए उत्तर जांचने के पैटर्न में भी बदलाव करना पड़ा। इन गलतियों का असर परीक्षा के रिजल्ट पर होगा। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की 25 व 27 मार्च से शुरू हुई। बारहवीं-दसवीं की परीक्षा का मूल्यांकन 13 मार्च से शुरू किया गया। एक करोड़ कॉपियों की जांच होनी है। करीब 40 हजार मूल्यांकनकर्ता रिजल्ट तैयार करने में लगे हैं। अब इन प्रश्रों में गलती सुधार के लिए निर्देश जारी हुए। जहां प्रश्न गलत है वहां बोनस अंक दिए जाने हैं। वहीं जहां विकल्प गलत है वहां प्रश्न हल करने की कोशिश पर भी स्टूडेंट को नंबर मिलेंगे।
परीक्षा तिथि और 12वीं में गलतियां
– 1. भौतिक विज्ञान: 4 मार्च  – सेट ए के 16 वे प्रश्न में गलती का समाधान-प्रश्न का जवाब में सूत्र के उपयोग पर भी स्टूडेंट को अंक दिए जाएंगे। इसके निर्देश हुए।
– सेट ए के प्रश्न क्रमांक 9 में समान वोल्टता की प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा से अधिक शक्तिशाली होती है क्या इसमें
– शक्तिशाली और खतरनाक दोनों में कोई भी विकल्प चुनने पर स्टूडेंट को अंक मिलेंगे।
– 2. अर्थशास्त्र: 04 मार्च  – दिए सेट ए प्रश्न दो का दूसरा सवाल विकल्प में किसी पर भी टिक लगाए नंबर देने के निर्देश
– 3. समाज शास्त्र: 20 मार्च – सेट के पहले प्रश्न में सही विकल्प में गलती बर्गेश को लिखा बर्गेल लिखने पर भी अंक।
– 4. उच्च गणित: 25 मार्च –  सेट एक के पहले प्रश्न का पांचवा सवाल में दिए चारों विकल्प गलत थे। एक बोनस अंक के निर्देश
– संस्कृत: 12 मार्च  – सेट ए प्रश्न तीन का पहला सवाल में रसाल का सही विकल्प नहीं, प्रश्न हल करने की कोशिश पर ही नंबर
– सेट सेट ए 17 वां प्रश्न की दूसरी लाइन में तनुप्तजाम अंकित है। इसे सुधार तनुत्यजाम पढने के निर्देश।
– सेट ए प्रश्न 19 प्रश्न में धर्मान्त है इसे सुधार कर धर्मान्न पढने निर्देश
– रसायन विज्ञान: 17 मार्च  – सेटसेट ए 10 वां प्रश्न का दूसरा सवाल में सूत्र गलत मिला।
परीक्षा केन्द्रों में भी की थी गड़बड़ी
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश बोर्ड भोपाल द्वारा इसके पहले  हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल के परीक्षा केन्द्रों में भी गड़बड़ी की गई थी। परीक्षा केन्द्रों को लेकर जो गलती बीते सालों में भी होती आ रही हैं, वहीं गलती इस बार भी मंडल द्वारा दोहराई गई थीं। लेकिन इस गलती पर अब तक ना तो स्थानीय स्तर से कोई कार्रवाई हुई है और ना ही बोर्ड ने इसे सुधारा है, ऐसे में परीक्षा देने पहुंचने वाले बच्चों को परीक्षा देने से पहले परेशानी से जूझना पड़ा था। इसका उदाहरण जावरा शहर के मॉडल स्कूल में दर्ज बच्चों को परीक्षा के लिए जो प्रवेश पत्र वितरित किए गए थे, उसमें बोर्ड द्वारा परीक्षा केन्द्र का नाम सरस्वती शिशु मंदिर कश्मीरी गली प्रिंट किया गया था, जबकि वास्तविकता में मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केन्द्र सरस्वती शिशु मंदिर पहाडिय़ा रोड पर है।  ऐसे में बच्चे परीक्षा देने पहले कश्मीरी गली पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें भटकना पड़ा था और बाद में उन्हें पहाडिय़ा रोड जाना पड़ा था। ऐसे में बच्चों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी, लेकिन ऐसे मामलों में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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