‘भारत में पत्रिकाएं: उद्भव और विकास’ को रिफरेंस कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर का अवार्ड

 उद्भव और विकास

इंदौर/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर, पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के अतिथि व्याख्याता और पत्रकार डॉ. मनीष काले की बुक ‘भारत में पत्रिकाएं: उद्भव और विकास’ को रिफरेंस कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर का अवार्ड मिला है। रेफरेंस कैटेगरी में चुनी जाने वाली यह मध्य प्रदेश की एकमात्र बुक है। इस अवार्ड में भारत भर से अनेक विषयों की बुक्स की प्रविष्ठियां आयी थी। फेडरेशन   ऑफ इंडियन पब्लिशर्स द्वारा हर साल एक्सीलेंस इन बुक प्रोडक्शन अवार्ड दिया जाता है। 2021 के लिये दिये गए अवार्ड में रेफरेंस कैटेगरी में ‘भारत में पत्रिकाएं: उद्भव और विकास’ का चयन टॉप तीन में किया गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स अंग्रेजी, हिन्दी के साथ ही अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशकों का प्रतिनिधि निकाय है और हर साल विभिन्न कैटगरी में देशभर से प्राप्त होने वाली प्रविष्ठियों में से टॉप तीन का चयन करती है। डॉ. मनीष काले ने बताया कि भारत में हिंदी पत्रिकाओं के इतिहास को लेकर कोई बुक अभी तक नहीं थी। पत्रिकाओं पर पीएचडी के दौरान ही मेरी गाइड डॉ. सोनाली नरगुंदे ने इस बुक का प्लान कर दिया था। बुक में 1780 से लेकर अभी तक की हिंदी पत्रिकाओं के उद्भव, विकास और विषयवस्तु में आए परिवर्तन को प्रस्तुत किया गया है। संभवत यह भारत की पहली बुक भी है, जो हिंदी पत्रिकाओं के इतिहास पर हिंदी में ही लिखी गयी है। बुक को लेकर अभी तक हम अपने स्तर पर ही इसके रिफरेंस बुक होने का दावा कर रहे थे, लेकिन फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स द्वारा इसे रिफरेंस कैटेगरी में अवार्ड दिये जाने से हमारा दावा सही साबित हुआ।

Related Articles