
- नाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू …
भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में कांग्रेस के नए मुखिया को लेकर कितने भी कयास लगाए जाएं, लेकिन यह तय है कि आगे भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथों में ही पीसीसी की कमान रहना तय है। उधर, यह भी लगभग तय हो गया है कि प्रदेश को नया नेता प्रतिपक्ष मिलेगा। इसके लिए चार नाम सामने आ रहे हैं। खास बात यह है कि इसमें भी नाथ की पसंद व नापसंद को ही महत्व मिलेगा। इसके साथ ही यह भी तय है कि कांग्रेस अगला विधानसभा व लोकसभा का चुनाव कमलनाथ की अगुवाई में ही लड़ेगी। उल्लेखनीय है कि बीते रोज नई दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से कमलनाथ ने मुलाकात की। मुलाकात में उन्होंने पार्टी संगठन से लेकर विभिन्न राजनीतिक मुद्दों व विषयों पर चर्चा की। इस दौरान पार्टी द्वारा एक व्यक्ति एक पद का फामूर्ला लागू करने की तैयारी पर भी चर्चा की खबर है। सोनिया गांधी से इस दौरान कमलनाथ की चर्चा में मप्र के संदर्भ में बात होना बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि नाथ द्वारा नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की गई। कमलनाथ अभी प्रदेश कांग्रेस अध्या के साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। माना जा रहा है कि वे जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ सकते हैं। नए नेता प्रतिपक्ष के लिए इस बीच एक बार फिर से नामों की चर्चा तेज हो गई है। इस पद के लिए पूर्व मंत्री गोविंद सिंह, विजय लक्ष्मी साधौ के अलावा आदिवासी वर्ग से आने वाले विधायक बाला बच्चन और हिना कांवरे के नाम चर्चा में आ रहे हैं। दरअसल इस मामले में पहले भी कई बार कमलनाथ संकेत दे चुके हैं। इन चारों नामों की चर्चा की अपनी वजहें हैं। गोंविद सिंह जहां विधानसभा के वरिष्ठतम विधायकों में से हैं, वहीं वे ग्वालियर चंबल अंचल से भी आते हैं। इस अंचल में कांग्रेस के सामने श्रीमंत की चुनौती बनी हुई है। इस अंचल में फिलहाल कांग्रेस के पास सिंह से अधिक बड़ा नेता कोई भी नही है। इसी तरह से सुश्री साधो महिला होने के साथ ही अनुसूचित जाति से भी आती हैं। उन्हें दिग्विजय का भी समर्थन मिला हुआ है। हालांकि जिस तरह से प्रदेश के सियासी समीकरणों में बदलाव आ रहा है उसकी वजह से माना जा रहा है कि कांग्रेस व कमलनाथ भी किसी आदिवासी चेहरे को भी नेता प्रतिपक्ष का पद सौंप सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो इस पद के लिए बाला बच्चन और हिना कांवरे को स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है। बाला बच्चन पहले भी यह दायित्व देख चुके हैं और कई बार मंत्री भी रह चुके हैं। हिना कांवरे नाथ सरकार में विस उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वे आदिवासी समुदाय के साथ ही महिला भी हैं।
इन मामलों पर भी हुई चर्चा
इसके अलावा चर्चा के दौरान तीन कृषि कानूनों की वापसी के निर्णय, किसानों के संघर्ष और कांग्रेस द्वारा इस विषय पर किसानों के पक्ष में लड़ी गई लड़ाई में हुई इस जीत पर उन्होंने सोनिया को बधाई दी। संसद के आगामी सत्र से लेकर विभिन्न राज्यों की संगठनात्मक स्थिति पर भी उन्होंने इस मुलाकात में चर्चा की। बढ़ती महंगाई से लेकर, किसानों को एमएसपी की सुरक्षा की गारंटी मिलने से लेकर किसानों की अन्य मांगों व विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा की। नाथ ने उन्हें मध्यप्रदेश में चल रहे सदस्यता अभियान, संगठन के विषयों व पार्टी के आगामी कार्यक्रमों व आगामी कार्ययोजना की भी जानकारी दी है।