- प्रदेश में समेकित विकास के लिए संकल्पित सीएम डॉ. मोहन
- गौरव चौहान

मप्र आज कई क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों के लिए पथ प्रदर्शक बना है। इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मप्र को विकास का मॉडल बनाने में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि देश का हृदय प्रांत मध्यप्रदेश गौरवशाली इतिहास और विश्वविख्यात सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। सृष्टि के आरंभ से लेकर अब तक मानव सभ्यता के कई चिन्ह मध्यप्रदेश की धरती पर हैं। यहां पर्याप्त भू-संपदा, वन-संपदा, जल-संपदा, और खनिज-संपदा है। विगत 22 महीने में विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के साथ प्रदेश की विरासत को सहेजने के संकल्प को लेकर मुख्यमंत्री आगे बढ़ रहे हैं। डॉ. मोहन यादव की एक खासियत यह भी है कि वे सरकार और संगठन दोनों के बीच संतुलन साधने में सक्षम नेता के रूप में उभरे हैं। भाजपा संगठन की मजबूती के लिए उन्होंने जिला और मंडल स्तर तक सक्रियता दिखाई है।उन्होंने समन्वय समिति को विशेष महत्व दिया है, जिसके जरिए सभी बड़े नेताओं के साथ तालमेल बनाए रखते हैं। यही वजह है कि भाजपा आज भी बूथ स्तर तक मजबूत है और हर घर भाजपा का नारा ज़मीनी हकीकत बन रहा है।
गौरतलब है कि डबल इंजन की सरकार का लाभ मध्यप्रदेश और प्रदेशवासियों को मिल रहा है। इस विशेष संयोग में प्रदेश ने नवाचारों के साथ विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक क्षमता का भरपूर उपयोग करते हुए मध्यपद्रेश को विकास का मॉडल प्रदेश बनाने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रशासनिक और संगठनात्मक कौशल दोनों ही स्तरों पर बराबर असर दिखाई दे रहा है। विकसित मध्यप्रदेश – 2047 विजन डॉक्युमेंट को जमीनी स्तर पर उतारने की उनकी पहल न केवल राज्य की दिशा तय कर रही है बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित कर रही है। सरकार और संगठन में संतुलन साधते हुए वे समन्वय समिति के जरिए सभी बड़े नेताओं के साथ तालमेल बनाए हुए हैं, वहीं भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में उनकी भूमिका आने वाले समय में और भी निर्णायक मानी जा रही है।
विजन डॉक्युमेंट बनेगा आधार
मुख्यमंत्री ने मप्र को विकास का मॉडल बनाने का जो संकल्प लिया है उसे पूरा करने के लिए सरकार विकसित मध्यप्रदेश-2047 विजन डॉक्युमेंट बना रही है। मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नाम प्रशासनिक दक्षता और संगठनात्मक मजबूती के प्रतीक के रूप में लिया जा रहा है। सत्ता संभालने के बाद उन्होंने जिस सक्रियता और दूरदृष्टि का परिचय दिया है, उससे यह साफ हो गया है कि उनकी प्राथमिकता केवल वर्तमान को संभालना नहीं, बल्कि आने वाले दशक में मध्यप्रदेश को मॉडल स्टेट बनाने की है। यही कारण है कि विकसित मध्यप्रदेश-2047 विजन डॉक्युमेंट को जमीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में वे लगातार प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि किसी भी राज्य का वास्तविक विकास तभी संभव है जब आम नागरिक तक शासन की योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत-2047 के संकल्प से प्रेरित होकर डॉ. यादव ने राज्य के लिए विजन डॉक्युमेंट तैयार कराया है। इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, हरित ऊर्जा, कृषि आधुनिकीकरण और डिजिटल गवर्नेंस को प्राथमिकता दी गई है। लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर उच्च आय वाला समाज बनाया जाए। इसके लिए राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में 50 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने और 100 प्रतिशत डिजिटल गवर्नेंस लागू करने का रोडमैप तय किया है।
सुशासन और विकास का पोस्टर ब्वाय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक क्षमता के कारण इस समय देश में सुशासन और विकास का पोस्टर ब्वाय बने हुए हैं। दरअसल, केवल प्रदेश तक सीमित न रहते हुए डॉ. मोहन यादव की पहचान अब राष्ट्रीय स्तर पर भी बन रही है। भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके सरल, स्पष्ट और जनसरोकार वाले भाषण ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाताओं पर असर छोड़ते हैं। यही कारण है कि आने वाले चुनावों में उनकी भूमिका और भी निर्णायक होगी। कुल मिलाकर डॉ. मोहन यादव जिस तर्ज पर काम कर रहे हैं, उससे यह साफ है कि वे मध्यप्रदेश को एक मॉडल स्टेट बनाने की ठान चुके हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार, आर्थिक विकास की गति, संगठनात्मक मजबूती और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी सक्रिय भूमिका—ये सभी संकेत बताते हैं कि मध्यप्रदेश नई ऊर्जा और नई दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। भविष्य में जब विकसित भारत-2047 का सपना साकार होगा, तो उसमें मध्यप्रदेश की भागीदारी अहम होगी और इस यात्रा में डॉ. मोहन यादव का नेतृत्व एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार
मप्र को सुशासन और विकास का मॉडल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने जनकल्याणकारी योजनाओं के विस्तार पर खास ध्यान दिया है। लाडली लक्ष्मी योजना से अब तक 45 लाख से अधिक बेटियां लाभान्वित हुई हैं। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के तहत लगभग 2.5 करोड़ हितग्राहियों को सीधा आर्थिक लाभ मिला है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के माध्यम से किसानों को अब तक 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता सीधे खातों में दी जा चुकी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में सीएम राईज स्कूल योजना के तहत 900 से अधिक आधुनिक विद्यालयों का निर्माण और अपग्रेडेशन किया जा रहा है। डॉ. यादव की प्राथमिकताओं में राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देना भी शामिल है। मध्यप्रदेश की जीडीपी वृद्धि दर 8त्न से अधिक दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। यही नहीं, कृषि विकास दर में लगातार 20 वर्षों से मध्यप्रदेश देश में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री ने पूंजी निवेश की जो योजनाएं बनाई हैं और जिन्हें क्रियान्वित किया जा रहा है। उनसे अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों में 20 लाख से अधिक नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। इंदौर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है। सडक़ और औद्योगिक गलियारों के विकास के साथ-साथ भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे, रीवा सोलर पार्क और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स मध्यप्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।