
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन चुका है जो लगातार बीते कई सालों से गेहूं के उत्पादन , खरीदी और निर्यात में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से ही मप्र न केवल कई सालों से कृषि कर्मण पुरुस्कार पा रहा है , बल्कि अन्य कई तरह के रिकार्ड भी बना रहा है। भारत से निर्यात होने वाले गेंहू में मप्र की बड़ी हिस्सेदारी रहती है।
इसकी वजह से प्रदेश के सर्वाधिक गेंहू के निर्यात होने की संभावना बनी हुई है। इस साल देश से होने वाले गेंहू के निर्यात का आंकड़ा 30 लाख टन के करीब रहने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह है विदेशों में भारतीय गेहूं की अच्छी मांग होना। अब तक 1.5 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। व्यापार सूत्रों ने कहा कि भारत इस वित्त वर्ष में करीब 2.6 से 2.7 मिलियन टन गेहूं का निर्यात कर सकता है। जबकि पिछले वित्त वर्ष में 2.08 मिलियन टन गेहूं का निर्यात हुआ था, जिसकी कीमत 4033.81 करोड़ रुपए था। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा )के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान गेहूं का निर्यात 1.1 मिलियन टन था। इसका मूल्य 2142 करोड़ रुपए था।
इसके पूर्व के साल में इसी अवधि में निर्यात 0.11 मिलियन टन था और इस निर्यात की कीमत 234 करोड़ रुपये थीं। अमेरिका ने अनाज विश्व बाजार और व्यापार में इस महीने भारतीय गेहूं के निर्यात के लिए अपने अनुमान को 2.3 मिलियन टन से बढ़ाकर 2.6 मिलियन टन कर दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि 2014.15 के बाद से इस बार शिपमेंट सबसे अधिक होगा। 2014-15 के दौरान 2.91 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया गया था।
अच्छे दाम मिलने की उम्मीद
जुलाई में वैश्विक मकई की कीमतें अन्य खाद्यान्न की कीमतों से अधिक होने के बाद भारतीय गेहूं की मांग में वृद्वि हुई है। इसकी वजह से गेहूं की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि शुरूआत में भारतीय गेहूं इंडोनेशिया और फिर पश्चिम एशिया में मांग की वजह से दामों में वृद्वि हुई थी। वर्तमान में ज्यादातर गेहूं बांग्लादेश को निर्यात किया जाता है। इसके अलावा खाड़ी क्षेत्र में अच्छी मात्रा में गेहूं का निर्यात किया जा रहा है। एपीडा के आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश ने अप्रैल- जून के दौरान 0.39 मिलियन टन गेहूं का आयात किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसने भारत से 1.15 मिलियन टन गेहूं खरीदा था। नेपाल, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और इंडोनेशिया इस क्रम में इस वित्तीय वर्ष और पिछले वित्त वर्ष में भारतीय गेहूं के बड़े खरीददार है।