- 1184 अभ्यर्थियों ने नहीं किया ज्वाइन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाला सामने आने के बाद अभी तक 1184 अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया है। गौरतलब है कि परीक्षा लेने वाली एजेंसी कर्मचारी चयन मंडल ने अभ्यर्थियों की चयन सूची इस साल अप्रैल में जारी की थी। चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग 14 मई तक हो जानी थी। इसके बाद भी इक्का-दुक्का अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग होती रही। 23 जुलाई तक 4274 में से 3090 उम्मीदवारों ने ही पुलिस ट्रेनिंग ज्वाइन की है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में आरक्षकों भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। नवंबर 2024 में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान मुरैना में पांच अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लोग सम्मिलित हुए जो पहचान उजागर होने पर पकड़े गए। तभी पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और विशेष सशस्त्र बल की बटालियनों को निर्देश दिए थे कि ज्वाइनिंग के समय अभ्यर्थियों की सहमति से उनकी आधार बायोमैट्रिक अपडेट कराने की जानकारी निकाली जाए। पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 में आधार कार्ड और सॉल्वर (नकलची) के जरिए हुए घोटाले का असर अब दिखने लगा है। बुधवार को पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 6420 – चयनित उम्मीदवारों में से लगभग 50 प्रतिशत ही पुलिस प्रशिक्षण के लिए उपस्थित हुए हैं।
प्रशिक्षण में आए 3090 अभ्यर्थी, बाकी का इंतजार
एडीजी प्रशिक्षण राजा बाबू सिंह ने बताया कि 21 जुलाई शाम तक 4274 उम्मीदवारों को पुलिस स्कूलों में प्रशिक्षण के लिए उपस्थित होना था, लेकिन इनमें से केवल 3090 उम्मीदवार ही पहुंचे हैं। इनमें 1005 महिला उम्मीदवार और 2085 पुरुष उम्मीदवार शामिल हैं। इसके अलावा, पीएचक्यू के अफसरों के अनुसार जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा फेल किए गए उम्मीदवारों को अपनी फिटनेस साबित करने के लिए दूसरा अवसर देने की खातिर अब तक संभागीय मेडिकल बोर्ड का भी गठन नहीं हो पाया है। 22 जुलाई को पीएचक्यू की जनसुनवाई में भोपाल जिले के 10 उम्मीदवारों ने यही शिकायत आला अफसरों को की है। अफसरों के अनुसार, बुधवार तक 4900 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में लगभग 1000 ऐसे आवेदक हैं जो न तो सूचना मिलने के बाद अपने दस्तावेज चेक कराने आए हैं और न ही उन्होंने कोई सूचना पुलिस को दी है। यहां तक कि ये उम्मीदवार पुलिस द्वारा भेजे गए रिमाइंडर का भी जवाब नहीं दे रहे हैं। ऐसे आवेदकों को संदिग्ध के दायरे में रखते हुए इनकी छानबीन पुलिस करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस संबंध में पीएचक्यू के अधिकारी सीधी टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
30 से अधिक एफआईआर दर्ज
आरक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर अब तक अलग-अलग जिलों में 30 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। पीएचक्यू द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करते समय आधार हिस्ट्री और दस्तावेजों के सत्यापन की नई प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद सैकड़ों अभ्यर्थी पुलिस फोर्स में शामिल होने ही नहीं आ रहे हैं। पुलिस की चयन शाखा बुधवार तक 6420 में से लगभग 4900 उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश जारी कर चुकी है। हालांकि, सफल आवेदकों को दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि पिछले माह ही खत्म हो गई है। जानकारी के अनुसार, 6420 में से 900 उम्मीदवारों ने अब तक अपने दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कराया है, जबकि लगभग 100 के दस्तावेज वेरिफिकेशन के दौरान रिजेक्ट हुए हैं। इसके अलावा लगभग 550 उम्मीदवार ऐसे हैं जो जिला स्तरीय मेडिकल में अनफिट पाए गए हैं और इन्हें दोबारा मेडिकल के लिए संभागीय स्तर पर मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना है। लगभग 200 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी अन्य जगह नौकरी लग गई है और वे पुलिस आरक्षक नहीं बनना चाहते। गौरतलब है कि पुलिस आरक्षक के तौर पर पोस्टिंग से पहले इन सभी की प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में 9 माह का प्रशिक्षण हासिल करना अनिवार्य है।
