
- मप्र के भाजपा नेताओं को मिली एक सैकड़ा सीटों की जिम्मेदारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की सरकार बनवाने की जिम्मेदारी मप्र के नेताओं के कंधों पर है। दरअसल, भाजपा आलाकमान ने मप्र के नेताओं को एक सैकड़ा विधानसभा सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी का जीताने की जिम्मेदारी सौंपी है। गौरतलब है कि मप्र के अलावा देश के अन्य राज्यों में भाजपा की सरकार बनवाने में मप्र के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसी कड़ी में अब मप्र के नेताओं की बिहार में ड्यूटी लगाई गई है। ये नेता चुनावी रणनीति बनाने के साथ ही प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं।
दरअसल, भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राज्य को 5 जोन में बांटा है। मप्र भाजपा के 10 से ज्यादा दिग्गज नेता इन दिनों बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रदेश के नेताओं को अलग-अलग विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मप्र के नेता सौपी गई विधानसभा सीटों पर बैठकें और सभाएं ले रहे हैं। प्रदेश के जिन नेताओं को बिहार चुनाव में जिम्मेदारी मिली है, वे सभी नेता बिहार में ही संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। प्रदेश के ये नेता दीपावली पर भी दी दिन पहले अपने घर आएंगे और दीपावली के बाद फिर बिहार पहुंच जाएंगे।
बिहार में बढ़ी मप्र के नेताओं की सक्रियता
मप्र के जिन बड़े नेताओं को बिहार चुनाव में लगाया गया है उनमें क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई प्रदेश सरकार के मंत्री और अन्य नेता शामिल हैं। ये वे नेता हैं जिन्हें चुनाव प्रबंधन में माहिर माना जाता है। मप्र के नेताओं को बिहार विधानसभा की 100 से अधिक सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नेताओं ने बिहार विधानसभा क्षेत्र की संबंधित सीटों पर अपना गुणा-गणित बैठाना शुरू कर दिया है। रोजाना कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है। मतदाताओं की जानकारी तक जुटाई जा रही है। क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने का काम प्रदेश नेताओं को सौंपा गया है। बिहार चुनाव को लेकर दीपावली के बाद नेताओं की सक्रियता और अधिक बढ़ जाएगी। मप्र के नेताओं के अलावा भाजपा के कार्यकर्ता भी बिहार चुनाव की व्यवस्थाएं संभालने जाएंगे। भाजपा संगठन स्तर पर भी इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। बिहार में विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं की तैनाती बिहार की अलग-अलग विधानसभाओं में की गई है। मप्र भाजपा के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पांच जोन में बांटा है। प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को मिथिला और तिरहुत जोन में 12 जिलों की 50 सीटें और 10 लोकसभा सीटें कवर करनी है। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा बेगूसराय क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को सारण और चंपारण क्षेत्र की करीब 45 विधानसभा सीटों का जिम्मा मिला है। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग को महारागंज, सिवान, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया को गोपालगंज, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को गया, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल को खगडिय़ा और पूर्व सांसद केपी यादव को समस्तीपुर सीट की जिम्मेदारी मिली है। वहीं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी बिहार पहुंच गए हैं। उन्हें मुजफ्फरपुर और बोचहा विधानसभा सीट की जिम्मेवारी सौपी गई है।
मध्य प्रदेश का थ्री वे फार्मूला
बिहार विधानसभा चुनाव में तारीखों के ऐलान के साथ ही भाजपा ने जमावट शुरू कर दी है। बिहार में पार्टी जीत के लिए थ्री वे फार्मूले पर काम कर रही है। इसमें सबसे पहले संगठन के उन खास नेताओं को बिहार की जवाबदारी दी गई है। जिन्हें जवाबदारी सौंपने का मतलब जीत की गारंटी रही है। दूसरा पार्टी मध्य प्रदेश के नेताओं के जरिए बिहार के कई इलाकों में जीत के चेहरे तलाशेगी। तीसरा मध्य प्रदेश में भाजपा के 2 दशक की सत्ता में सूत्रधार नेताओं के तजुर्बे से पार्टी बिहार में बूथ तक की रणनीति तय करेगी। मप्र प्रदेश भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर तैयारी एक महीने पहले से शुरू कर दी थी। राजधानी सहित प्रदेश के कई शहरों में बिहारी वोटर्स रहते हैं। मप्र में रहने वाले बिहार के वोटर्स की जानकारी भाजपा के कार्यकर्ता और नेता जुटा रहे है। भाजपा कार्यकर्ताओं को इनके घर-घर जाने की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा कार्यकर्ता मप्र में रहने वाले बिहारी वोटर्स के मोबाइल नंबर तक लिए जा रहे हैं। इन मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। इनकी पूरी सूची बिहार चुनाव में तैनात मप्र के नेताओं को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद ये नेता बिहार के मतदाताओं से संपर्क करेंगे और उन्हें बिहार चुनाव में वोट डालने के लिए आमंत्रित करेंगे। बिहार चुनाव में भाजपा अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए यह काम किया जा रहा है।
बिहार में बनेंगे पार्टी की जीत के नए रिकॉर्ड
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि डॉ. महेन्द्र सिंह भाजपा के ऐसे शुभंकर प्रभारी है कि जब भी जहां की भी जवाबदारी उन्हें सौपीं गई है नतीजे पार्टी के पक्ष में आए हैं। असम, त्रिपुरा में जब उन्हें प्रभार सौंपा गया तो पार्टी ने जीत दर्ज की थी। कमोवेश यही स्थिति मध्य प्रदेश में बनी बल्कि मध्य प्रदेश में तो जीत का इतिहास बना कि पहली बार पूरी 29 सीटों पर भाजपा का कमल खिला और कांग्रेस शून्य पर आ गई। जाहिर है उनके अनुभव का लाभ अब विधानसभा की परीक्षा से गुजर रहे बिहार राज्य में भाजपा को मिलेगा और वहां पार्टी की जीत के नए रिकॉर्ड बनेंगे। मिथिला और तिरहुत में आने वाली 58 विधानसभा सीटों की जवाबदारी मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में प्रभारी रहे डॉ. महेन्द्र सिंह को सौंपी गई है। बिहार के मिथिला इलाके में ब्राम्हणों का बाहुल्य है. हालांकि पिछड़े भी यहां उसी तादाद में हैं. तिरहुत में मुजफ्फरपुर जैसा मुस्लिम बाहुल्य इलाका भी आता है। इसके अलावा सीतामढ़ी और शिवहर भी हैं. इसी तरह से दरभंगा में भी मुस्लिम आबादी पर्याप्त है। इन इलाकों में मतदान को अपने पक्ष में करने से लेकर चुनावी चेहरा तलाशने तक पार्टी ने कमान लोकल के हाथ में नहीं दी। गुटबाजी से निपटने के लिए पार्टी ने तय किया है कि लोकल नेताओं के बजाए बाहरी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए।
