5 बड़े प्रोजेक्ट पर छह माह में खर्च होगा सालभर का बजट

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम।
चुनावी साल में सरकार का फोकस उन बड़े प्रोजेक्ट पर है जिनका प्रभाव जनता पर सबसे अधिक पडऩे वाला है। सरकार की कोशिश है कि इन बड़े प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके लिए सरकार ने इन प्रोजेक्ट पर साल भर में खर्च होने वाले बजट को छह माह में खर्च करने की योजना बनाई है।
जानकारी के अनुसार सरकार ने पांच बड़े प्रोजेक्ट केन-बेतवा लिंक परियोजना, मेट्रो ट्रेन, पीएम आवास, जल जीवन और प्रोग्रेस-वे को चिन्हित किया है जिन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब सरकार ने प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इन्हें सितंबर तक पूरा किया जाना है। इससे पहले छह महीने में ही बजट का बोझ पूरे सालभर जितना होगा।
ये प्रोजेक्ट सरकार की प्राथमिकता में
चुनावी साल में सरकार की प्राथमिकता में जो प्रोजेक्ट हैं , उनमें केन-बेतवा लिंक परियोजना बरसों से अटका था। बीते साल मंजूरियां जारी हुई हैं। अप्रैल में शुरू करने का लक्ष्य था, लेकिन मैदानी काम में दिक्कतों से देर हो रही है। दीर्घकालीन प्रोजेक्ट है। सरकार की मंशा शुभारंभ चुनाव पूर्व ही करने की हैं। प्रस्तावित बांध से डूब में आ रही 969 हेक्टेयर जमीन के बदले 1034 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को शिवपुरी में पोहरी के पास दी जाएगी। विभाग करीब 100 करोड़ से पौधरोपण करेगा। पीसीसीएफ भू-प्रबंध सुनील अग्रवाल के अनुसार यह राशि पौधरोपण और सात वर्ष तक रखरखाव पर खर्च होगी। इधर, दौधन बांध के लिए टेक्निकल एडवायजरी कमेटी की बैठक 13 से 15 अप्रैल तक खजुराहो में होगी। सरकार ने अगस्त 2023 तक भोपाल- इंदौर में मेट्रो के एक रूट को शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सीएम की मंशा है कि चुनाव पहले दोनों शहरों में ट्रेन चल जाए। इसका लोकार्पण हो जाए। पहले ही चरण में लगभग 12 हजार करोड़ खर्च हो रहे हैं। पीएम आवास के लिए मार्च 2024 तक के लक्ष्य जुलाई या अधिकतम सितंबर तक पूरा करना है। शहरों में 2 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 4.50 लाख आवास बनने हैं। दोनों काम चुनाव से पहले पूरे कर वितरण करना है। इसके लिए 8000 करोड़ खर्च हो रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत मार्च 2024 के लक्ष्य को अगस्त 2023 तक पूरा करने की कोशिश है। 38 लाख घरों तक पानी पहुंचाना था। इसी साल सबसे ज्यादा काम होना है। अब भी 8 लाख+ घरों तक पानी पहुंचाने का काम जारी है। 5 – हजार करोड़ इस पर खर्च हो रहे हैं। वहीं अटल प्रोग्रेस-वे का काम मार्च में शुरू होना था। जमीन अधिग्रहण के तय लक्ष्य चूक गए हैं। हालांकि विस चुनाव से पहले शुभारंभ करने पर काम हो रहा है। यह दीर्घकालीन प्रोजेक्ट है, लेकिन चुनाव पूर्व इसका आगाज करने का लक्ष्य है।
छह माह में खर्च होंगे 3.14 लाख करोड़
जानकारी के अनुसार पांच बड़े प्रोजेक्ट केन-बेतवा लिंक परियोजना, मेट्रो ट्रेन, पीएम आवास, जल जीवन और प्रोग्रेस-वे के लिए मुख्य बजट 3.14 लाख करोड़ का लाया गया है। इसका ज्यादातर हिस्सा पहली छमाही में ही खर्च करने की स्थिति बन रही है। पूंजीगत, स्थापना खर्च के अलावा योजनाओं को लेकर खर्च शुरुआती छह महीने में ही ज्यादा है। सरकार को 12 हजार करोड़ रुपए लाड़ली बहना, 8000 करोड़ लर्न बाय अर्न, 8000 करोड़ सडक़ निर्माण और फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान के 8000 करोड़ रुपए लगने हैं। इसके बाद बड़े विकास कार्यों का बोझ रहेगा। चुनाव के लिहाज से छह महीने में ही सबसे ज्यादा खर्च होना है।