2026 में मप्र सरकार को… मिलेगा खुद का प्लेन

  • मोहन यादव सरकार को अभी किराए के प्लेन में करना होगा सफर
  • गौरव चौहान
मप्र सरकार

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार को अभी किराए के प्लेन में ही हवाई सफर करना होगा। हालांकि, हवाई यात्राओं पर भारी भरकम किराए से निजात पाने के लिए राज्य सरकार अपना नया स्टेट प्लेन खरीदने जा रही है, लेकिन इसके लिए सरकार को कम से कम 8 माह इंतजार करना होगा। दरसअल राज्य सरकार बॉम्बार्डियर कंपनी का चैलेंजर 3500 हवाई जहाज खरीदने जा रही है। इसका टेंडर साल 2024 के अक्टूबर माह में फाइनल हो गया था, लेकिन इसकी डिलीवरी मई 2026 में होगी।
गौरतलब है कि मप्र सरकार के पास अभी अपना कोई विमान नहीं है। सरकार पिछले चार साल से किराए के विमान में हवाई सफर कर रही है। सरकार को अभी 8 महीने और किराए के विमान में यात्रा करना होगी। मई, 2026 तक सरकार के पास नया चैलेंजर 3500 विमान उपलब्ध हो जाएगा। नया विमान खरीदने के लिए निर्माता कंपनी को क्रय आदेश दिया जा चुका है। इस विमान की कीमत करीब 234 करोड़ रुपए है। यह 8 सीटर विमान होगा।  पिछले साल जुलाई में कैबिनेट ने नया विमान खरीदने की मंजूरी दी थी। इसके बाद विभिन्न औपचारिकताएं करने के बाद नए विमान खरीदी के लिए क्रय आदेश जारी किया गया।
नए हवाई जहाज में होंगी कई खूबियां
राज्य सरकार द्वारा खरीदा जा रहा बॉम्बार्डियर कपंनी का 3500 हवाई जहाज कई मायनों में बेहद खास होगा। यह पहला सुपर मिडसाइज बिजनेस जेट है। इसमें आमतौर पर 8 से 9 यात्री सफर कर सकेंगे। इसमें सीट बेहद आधुनिक होती है। यह केबिन को 2 मिनट में ताजा हवा से भर देता है। इसमें वॉयस कंट्रोल्ड केबिन और हाईटेक सीटें हैं। इस सेग्मेंट में उपलब्ध सभी विमानों में सबसे स्मार्ट केबिन है, जहां वायरलेस चार्जिंग से लेकर अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके केबिन में शोर सुनाई नहीं देता। यह विमान स्थिरता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता का बेहतरीन मिश्रण प्रदान करता है, जिसके सहारे आप किसी भी मौसम में लंबी उड़ान भर सकते हैं। यह विमान न्यूनतम 4850 फीट से लेकर अधिकतम 41 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इस प्लेन से एक बार में साढ़े 5 हजार किलोमीटर की हवाई यात्रा की जा सकेगी। यानी भारत से रूस की राजधानी मॉस्को तक का हवाई सफर एक बार में आसानी से किया जा सकेगा। सामान रखने की पर्याप्त जगह होती है, एक साथ 12 सूटकेट रखे जा सकेंगे। इस प्लेन में सबसे खास इसका स्मार्ट केबिन होता है, जो आवाज को नियंत्रित करता है।
अभी किराए के विमान में ही उड़ती है सरकार
राज्य सरकार के पास अभी अपना कोई विमान नहीं है। दअरसल, तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 65 करोड़ रुपए में नया विमान खरीदा था। यह विमान 6 मई, 2021 को ग्वालियर में लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चूंकि अधिकारी विमान का बीमा कराना भूल गए थे, इसलिए उसको ठीक कराना महंगा पड़ रहा था और खतरे की भी आशंका थी। इसके बाद से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव किराए के विमान से सफर कर रहे हैं। विमान के किराए पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। तत्कालीन शिवराज सरकार में वर्ष 2022 में नया विमान खरीदने की तैयारी शुरू हुई थी। इस सिलसिले में कई दौर की बैठकों के बाद यह तय नहीं हो पाया था कि कौन सा विमान खरीदा जाए। मोहन सरकार ने नया विमान और नया हेलिकॉप्टर खरीदने को लेकर अंतिम निर्णय लेते हुए इस संबंध में तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। मप्र विधानसभा के दिसंबर, 2024 के शीतकालीन सत्र में सरकार ने सदन को लिखित में जानकारी दी थी कि पिछले एक साल में मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों ने 666 हवाई यात्राएं कीं। इन हवाई यात्राओं पर 32.85 करोड रुपए खर्च हुए। सभी यात्राएं सरकारी कामों के लिए की गई और उड़ान का कुल समय लगभग 760 घंटे था।
दिसंबर 2026 में आएगा नया हेलिकॉप्टर भी
मप्र सरकार एक हेलिकॉप्टर भी खरीदने जा रही है। दिसंबर, 2026 तक सरकार के पास नया हेलिकॉप्टर भी आ जाएगा। नए डबल इंजन हेलिकॉप्टर की आपूर्ति के लिए निर्माता कंपनी से अनुबंध किया जा चुका है। नया हेलिकॉप्टर करीब 150 करोड़ रुपए में खरीदा जा रहा है। इसके बाद सरकार को हवाई सफर के लिए विमान के किराए पर करोड़ों रुपए खर्च नहीं करना पड़ेंगे। वहीं सरकार प्रदेश में हेलीपेड और  एयरपोर्ट बनाने के दिशा में भी काम कर रही है। डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने गत फरवरी में नई नागरिक उड्डयन नीति-2025 को मंजूरी दी थी। इस नीति के तहत प्रदेश में हर 45 किलोमीटर पर एक पक्का हेलीपेड और हर 150 किलोमीटर पर एक हवाई अड्डा बनाने का प्रावधान किया गया है। उन 28 जिलों में जहां अभी हवाई पट्टियां नहीं हैं, वहां एयरस्ट्रिप का निर्माण कर विमानन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और ओंकारेश्वर जैसे शहरों में वीवीआईपी मूवमेंट से होने वाली परेशानी को कम करने के लिए उनके चारों ओर 3 से 4 नए हेलीपैड तैयार कराए जाएंगे। विमानन विभाग ने अगस्त में संबंधित जिलों के कलेक्टरों से हेलीपेड बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। इसमें हेलीपैड के लिए जमीन चयन करते समय सरकारी जमीन को प्राथमिकता में रखने की बात कही गई है।

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