
- सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सर्वे में खुलासा
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के कई कदम उठाए हैं। लेकिन इसके बाद भी उपभोक्ताओं को न तो समय पर और न ही पर्याप्त तथा शुद्ध राशन मिल पा रहा है। यही नहीं प्रदेश में सबसे अधिक राशन में मिलावट संस्कारधानी यानी जबलपुर जिले में की जाती है। इसका खुलासा सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सर्वे में सामने आया है। सर्वे में सामने आया है कि राशन दुकानों के संचालक और कर्मचारी गरीबों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। कर्मचारियों के बोलचाल का तरीका भी ठीक नहीं रहता है। उपभोक्ताओं के साथ अच्छे व्यवहार करने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है। यह भी बात सामने आई है कि जबलपुर जिले में खाद्यान्न में सबसे ज्यादा मिलावट 8 फीसदी से ज्यादा होने की शिकायतें आई हैं। इस पर अंकुश लगाने सरकार को अलग तरह से प्रयास करना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया है। इस कारण प्रदेश में कई बड़े मिलावटखोरों का पदार्फाश हुआ है।
हितग्राहियों की राय जानने सर्वे
सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार और हितग्राहियों की राय जानने सर्वे कराया है। काम सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को दिया गया था। संस्थान ने सैंपल सर्वे में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सागर सहित 12 बड़े जिलों को शामिल किया था। सर्वे लॉकडाउन के दौरान और लॉकडाउन के बाद किया गया था। इसमें सामने आया कि लॉकलाउन के दौरान भी पीडीएस वितरण में कोई समस्या नहीं आई। अब भी 20 फीसदी हितग्राहियों को बिना आधार और थम्ब इम्प्रेशन के जरिए खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। संस्थान ने सुझाव दिया है कि मिलावट रोकने सरकार को पैकेट में खाद्यान्न वितरण करना चाहिए। वितरण की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना होगा। संस्थान ने डोर टू डोर डिलीवरी पर जोर दिया है। दुकानों में खाद्यान्न के स्टॉक की जानकारी अपडेट होनी चाहिए। दुकान खुलने बंद होने का समय दुकान के बाहर चस्पा होना जरूरी है।