एमपी में रुकी हैं 25 हजार से अधिक भर्तियां

भर्तियां
  • रोजगार पंजीयन को लेकर नहीं हो सका निर्णय

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के लाखों युवा अलग-अलग भर्ती निकलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, पर रोजगार कार्यालय में पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त करने के संबंध में निर्णय नहीं हो पाने के कारण भर्तियां नहीं निकल रही हैं। कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी), मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, एमपी आनलाइन सहित अन्य एजेंसियों के माध्यम से होने वाली 25 हजार से अधिक भर्तियां रुकी हुई हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त करने के संबंध में निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर होना है।
रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन अनिवार्य
ईएसबी से 7500 पुलिस आरक्षक, 500 उप निरीक्षक, 500 सूबेदार, उप निरीक्षक अनुसचिवीय, शीघ्र लेखक और सहायक उपनिरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक कंप्यूटर के 89 पदों पर भर्ती के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से मंडल को इसी वर्ष अप्रैल में प्रस्ताव भेजा था, पर पंजीयन की अनिवार्यता पर निर्णय नहीं हो पाने के कारण भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो पा रही है। प्राथमिक शिक्षकों के 13 हजार 89 पदों पर भर्ती के लिए ईएसबी ने विज्ञापन जारी किया है, जिसमें रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन अनिवार्य किया गया है। आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 अगस्त के पहले पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त करने का निर्णय होता है तो इसके भर्ती नियम में भी संशोधन हो सकता है। बता दें कि एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म करने के लिए कहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया है। आशा है कि एक सप्ताह में निर्णय हो जाएगा।
भर्तियों में लाभ के लिए अनिवार्य किया था पंजीयन
रोजगार कार्यालयों में जीवित पंजीयन की अनिवार्यता इसलिए की गई थी कि मध्य प्रदेश के लोगों को भर्तियों में लाभ मिले। दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों का प्रदेश में पंजीयन कम रहता है, जिससे प्रतियोगिता में प्रदेश के लोगों को लाभ मिलता है। प्रदेश में पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों को अब आकांक्षी युवा कहा जाता है।

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