विधायक चाहते हैं आदिवासी समाज के लिए और अधिक सुविधाएं

आदिवासी समाज

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पहले से ही आदिवासी समाज का आर्थिक व समाजिक स्तर बढ़ाने के लिए आर्थिक तंगी के बाद भी लगतार खजाने का मुंह खोल हुए है। इसके बाद भी इस समाज के विधायक संतुष्ट नहीं हैं। वे चाहते हैं कि सरकार इस समाज को और अधिक सुविधाएं दे। इसके लिए विधायकों ने कई तरह के सुझाव दिए हैं। यह सुझाव आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में दिए गए हैं।
दरअसल प्रदेश में लगभग आदिवासी समुदाय की संख्या करीब दो करोड़ है। यह लोग प्रदेश में सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार उनके लिए मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना सहित कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। इसके बाद भी आदिवासी विधायकों द्वारा कई अन्य तरह की मांग की जा रही हैं। उनका कहना है कि सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल के उत्खनन में सरकार सौ फीसदी अनुदान दे और आदिवासी किसानों के समूह बनाकर उनके खेतों में डीपी लगाने की भी व्यवस्था करे। खास बात यह है कि इस तरह की मांगे उस बैठक में की गई हैं, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की जा रही थी। विधायक कुंवर सिंह टेकाम द्वारा यह सुझाव लिखित रुप से दिया गया है। इस पर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कहा गया है कि इसके लिए जिलों से प्रस्ताव बुलाकर केंद्र सरकार से फंड मांगा जाएगा। इसी तरह से भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी ने डीएड तथा बीएड करने वाले आदिवासी युवाओं को सरकारी नौकरी देने ऑनलाइन के स्थान पर ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चे शिक्षित हैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरी दी जाए। विधायक सीताराम ने आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जगह-जगह फैक्ट्रियां खोलने का भी सुझाव दिया है। फिलहाल प्रदेश में अभी 5 हॉर्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क बिजली प्रदाय की जा रही है। डीपी लगाने के लिए सब्सिडी देने के संबंध में ऊर्जा विभाग ने निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

इस तरह की उठाई गई मांग
विधायक सीताराम आदिवासी ने सुझाव दिया है कि समूह बनाकर जनजातीय वर्ग के लोगों के खेतों पर बोरिंग व डीपी लगाई जाए। सर्वसुविधायुक्त आवासीय विद्यालय ग्राम अगरा, कराहल तथा शिवपुरी के कोटा में खोले जाएं और बैकलॉग के पदों पर सीधी भर्ती की जाए। एक अन्य विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने सीधी एवं सिंगरौली जिले में बैगा जनजाति वर्ग को सीधी भर्ती का लाभ नहीं मिलने की जानकारी दी। विधायक कालूसिंह मुजाल्दा ने इस दौरान कहा कि संस्कृत विषय के रिक्त पदों पर 15 दिसंबर से पूर्व अतिथि शिक्षकों से भरा जाए। विधायक रूपनारायण मांडवे ने सुझाव दिया कि  सभी प्रशासनिक अधिकारियों की जनजाति क्षेत्रों में पोस्टिंग से पहले पेसा एक्ट की ट्रेनिंग दी जाए, 2-राजभवन में जनजातीय सलाहकार समिति का दफ्तर हो और पेसा वनाअधिकार में सहयोग के लिए जनजातीय युवकों की मानक अनुसार भर्ती की जाए। जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए विशेष पुरस्कार की घोषणा और जनजातीय क्षेत्रों में सिल्वर लोन स्कीम लागू की जाए।

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