विधायक-डीएफओ विवाद: 5 लोगों के बयान में सिमटी जांच

विधायक-डीएफओ

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधायक अनुभा मुंजारे और डीएफओ नेहा श्रीवास्तव मामले की जांच अब सवालों के घेरे में आने लगी है। दरअसल, यह जांच केवल पांच लोगों के बयानों में ही सिमटकर रह गई है। जांच अधिकारियों ने केवल विधायक, डीएफओ दंपत्ति और दो कर्मचारियों के ही बयान लिए हैं। जबकि डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के शिकायत पत्र में अन्य लोगों के भी नामों का उल्लेख था, जिनसे किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग ने डीएफओ नेहा श्रीवास्तव को बचाने के लिए पहले से ही जांच का पैमाना तय करके रखा था। जानकारी के अनुसार विधायक डीएफओ विवाद मामले की जांच करने के लिए आईएफएस अधिकारी व अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कमलिका मोहन्ता और वन संरक्षक बैतुल वासु कनोजिया 12 सितंबर को बालाघाट पहुंची थी। दोनों ही अधिकारियों ने बंद कमरे में बयान दर्ज किए थे। फारेस्ट रेस्ट हाउस में डीएफओ अधर गुप्ता, डीएफओ नेहा श्रीवास्तव और एफआरएच आरएच के स्थायीकर्मी चुन्नीलाल ऐड़े और वाहन चालक मुरारीलाल कोरी के बयान दर्ज किए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही कर्मचारियों ने अपने-अपने बयान में सीधे तौर पर विधायक के खिलाफ आरोप लगाने से बचते हुए गोलमोल जवाब दिया है। इस कारण यह जांच वाहन चालक और स्थायीकर्मी के बयान पर ही टिकी हुई है।
कहीं डीएफओ को बचाने का प्रयास तो नहीं
जांच कमेटी प्रमुख कमोलिका मोहंता ने दो डीएफओ, विधायक और अन्य लोगों समेत पांच व्यक्तियों के बयान दर्ज किए। इसमें विधायक को छोडकर बाकी सभी बयान डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के पक्ष में गए है। इससे स्पष्ट होता है कि इस जांच में डीएफओ नेहा श्रीवास्तव को बचाने के लिए पहले से ही जांच के बिंदु तैयार कर लिए गए थे। अधिकारियों ने भी औपचारिकता निभाते हुए महज कुछ मिनट में ही जांच पूरी कर ली।
बाघ का मुद्दा और आरोप लगने के बाद अकेली पड़ी विधायक
बाघ की मौत का मुद्दा उठाने और डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद से बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे अकेली पड़ गई है। विधायक के समर्थन में अब कांग्रेसी भी आगे नहीं आ रहे हैं। जबकि बालाघाट जिले में कांग्रेस के चार विधायक है, जिसमें विधायक मुंजारे के अलावा विधायक संजय उइके, मधु भगत और विवेक पटेल शामिल है। इसमें तीनों विधायक खुलकर सामने नहीं आए हैं। परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने संतुलित बयान देकर अपना पलड़ा झाड़ लिया। बैहर विधायक संजय उइके ने वीडियो बयान जारी कर अपनी औपचारिकता पूरी कर दी। जबकि वारासिवनी विधायक विवेक पटेल ने एमएलए अनुभा मुंजारे की पत्रकार वार्ता में शामिल होकर उनके साथ होने का एहसास कराया है। इस तरह से विधायक अनुभा मुंजारे अकेले ही इस लड़ाई लड़ रही है। डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार है। विवाद मामले में जांच अधिकारियों द्वारा विभागीय कर्मचारियों के जो बयान लिए गए हैं, वह मायने नहीं रखता। इस जांच में कुछ निकलकर सामने आने वाला नहीं है।

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