मंत्रियों-विधायकों की परफॉर्मेंस का होगा आकलन

आकलन
  • मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम करेंगे मंत्रियों से वन-टू-वन

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा संगठन पर राजनीतिक नियुक्तियां करने और मंत्रिमंडल विस्तार का लगातार दबाव बढ़ रहा है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर मंत्रियों और विधायकों के अब तक के कार्यकाल की रिपोर्ट का आकलन करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री जल्द ही मंत्रियों के साथ वन-टू-वन करेंगे। सूत्रों का कहना है कि खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, वहीं दूसरे विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। बैठक में मंत्रियों को विभागवार कामकाज की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री विधायकों का कामकाज भी देखेंगे। विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था। उन्होंने अपनी विधायक निधि का जनकल्याण में कितना उपयोग किया, इसकी रिपोर्ट भी तैयार की गई है। यह भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
दरअसल, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार हो गया है, तो मप्र में भी इस बात की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। इसमें क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार डॉ. मोहन यादव द्वारा अक्टूबर में मंत्रियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने की तैयारी है। मप्र के मंत्री-विधायकों ने दिसंबर 2023 में सरकार बनने के बाद 20 महीने में क्या काम किए, इसका हिसाब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करेंगे और विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसी के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में इसी के आधार पर मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा। मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं। मोहन यादव ने दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अब 20 महीने पूरे हो चुके हैं। अब तक दो बार मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। बताया जा रहा हैं कि मोहन यादव कैबिनेट का तीसरा विस्तार जल्द हो सकता। कई मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। यह वे मंत्री हैं जो या तो संघ के समर्थन से वंचित हैं, या फिर कार्य के प्रदर्शन में कमजोर माने जा रहे हैं।
मंत्रियों के साथ वन-टू-वन जल्द
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री केवल मंत्री ही नहीं बल्कि विधायकों के कामकाज का भी आकलन करना चाहते हैं। मप्र के मंत्री-विधायकों ने दिसंबर 2023 में सरकार बनने के बाद 20 महीने में क्या काम किए, इसका हिसाब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करेंगे और विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसी के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में इसी के आधार पर मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा। डॉ. मोहन यादव द्वारा अक्टूबर में मंत्रियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने की तैयारी है। बता दें, डा. मोहन यादव ने पहले भी मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार कराई थी, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई। हाल ही में भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी यही रिपोर्ट दिखाई गई थी। गांव में रात्रि विश्राम और चौपाल की जानकारी भी ली जाएगी मुख्यमंत्री मंत्रियों से यह भी पूछेंगे कि उन्होंने कितने गांवों में रात्रि विश्राम किया और चौपाल लगाई। प्रभार के जिलों में प्रति माह दौरा कर रहे हैं या नहीं। यह भी देखा जाएगा कि मंत्रियों का अपने प्रभार के जिलों में अधिकारियों के साथ तालमेल कैसा है। पार्टी के दृष्टिकोण से यह भी देखा जाएगा कि संगठन के कामकाज में उनकी सहभागिता कैसी है। केंद्र से मिले अभियानों को सफल बनाने में कितने मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके अलावा मंत्रियों से आमजन व पार्टी कार्यकर्ता की संतुष्टि के बारे में भी जानकारी लेकर इस पर चर्चा की जाएगी।
विधायकों की रिपोर्ट तैयार
डा. मोहन यादव जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं, उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। इसमें मंत्रियों को विभागवार कामकाज की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री विधायकों का कामकाज भी देखेंगे। विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था। उन्होंने अपनी विधायक निधि का जनकल्याण में कितना उपयोग किया, इसकी रिपोर्ट भी तैयार की गई है। यह भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे। यह मुख्यमंत्री की अब तक की विभागीय समीक्षा के आधार पर तय होगा। वहीं मुख्यमंत्री का भार भी कम किया जाएगा। मोहन यादव ने एक दर्जन से अधिक विभाग अपने पास रखे हैं, जिनमें सामान्य प्रशासन, गृह, जेल, वन, खनिज, जनसंपर्क, उद्योग, विमानन, लोक सेवा प्रबंधन और प्रवासी भारतीय जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। इनमें से कुछ विभाग अन्य मंत्रियों को दि जाएंगे।
जिले और जातीय संतुलन की चुनौती
प्रदेश में 55 जिले हैं लेकिन केवल 25 जिलों का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में है। कई प्रमुख जिलों जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर से दो-दो मंत्री हैं, जबकि अन्य उपेक्षित हैं। जातीय संतुलन की कमी भी महसूस की जा रही है, जिससे असंतोष और बढ़ सकता है। मोहन यादव अब जल्द ही 1200 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह कदम उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपकृत करने के लिए उठाया जाएगा, जिन्होंने पार्टी के लिए मेहनत की है।  डा. मोहन यादव जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं, उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है।

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