सत्ता व संगठन के लिए… सिरदर्द बन रहे हैं मंत्री

  • गौरव चौहान
सत्ता व संगठन

प्रदेश सरकार के मंत्री आए दिन अपने बयानों और कारनामों की वजह से सिरदर्द बन रहे हैं। इसकी वजह से सरकार के साथ ही संगठन की छीछालेदर होती रहती है। इसकी वजह से न केवल पार्टी की छवि खराब हो रही है, बल्कि संगठन पर भी सवाल खड़े होने लगते हैं। ऐसा नही है कि इन विवादों की वजह नए मंत्री ही बनते हैं बल्कि कई मंत्री तो राजनैतिक क्षेत्र में बेहद वरिष्ठ तक हैं। पार्टी और सरकार के लिए सर्वाधिक मुसीबत प्रदेश के वरिष्ठतम विधायकों में शामिल और वरिष्ठ मंत्री विजय शाह बनते हैं। वे हर कभी ऐसा कुछ कह जाते हैं या कदम उठा लेते है कि पार्टी और सरकार को पूरी तरह से बचाव की मुद्रा में आना पड़ जाता है। यही नहीं विपक्ष को भी हमलावर होने का मौका मिल जाता है। बयानों की वजह से खड़े होने विवादों से परेशान संगठन को अब मंत्रियों व विधायकों को बोलने का प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी करनी पड़ रही है। जानिए कौन मंत्री हाल ही में क्यों आए विवादों में ।
रेस्टोरेंट में नहीं मिली तो भडक़े मंत्री
प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल हाल ही में ग्वालियर प्रवास के दौरान अपने गार्ड और समर्थकों के साथ सिटी सेंटर स्थित एक रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे थे। आरोप है कि इस दौरान मंत्री और उनके स्टॉप ने दबंगई दिखाते हुए होटल स्टॉफ के साथ अभद्रता की। यही नहीं, मंत्री ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया और रेस्टोरेंट की जांच शुरू करवा द ी। मामला ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट का है। दरअसल पटेल अपने समर्थकों के साथ इस रेस्टोरेंट में डिनर करने आए थे। मंत्री के लिए एक समर्थक ने पहले ही फस्र्ट फ्लोर पर टेबल बुक करवा दी थी, लेकिन भूख से बेहाल मंत्री को ग्राउंड फ्लोर पर टेबल नहीं मिली, तो वे होटल स्टॉफ पर भडक़ पड़े। इस दौरान रेस्टोरेंट संचालक कमल अरोरा हाथ जोडक़र मंत्री का गुस्सा शांत करने की कोशिश करते दिखे। लेकिन मंत्री के गार्ड ने दिया रेस्टोरेंट संचालक को धक्का दे दिया। ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
 क्या बोले उपमुख्यमंत्री देवड़ा?
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा जिन आतंकवादियों ने हमारी बहनों के सिंदूर मिटाए हैं, जब तक उन आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों को जड़ से खत्म नहीं कर देते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे उन्होंने आगे कहा हमें प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद करना चाहिए पूरा देश और हमारी सेना उनके चरणों में नतमस्तक है। मोदी जी ने जो करारा जवाब दिया है, उसकी जितनी तारीफ करें वो कम है। इनके इस बयान के बाद एक बार फिर विपक्षी पार्टी कांग्रेस को घेरने में लग गई।
 विजय शाह ने कही थी ये बात!
वहीं, इससे ठीक पहले बीते सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ करने के दौरान मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर अशोभनीय टिप्पणी की। उन्होंने कहा था, जिन आतंकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए। उन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। प्रधानमंत्री ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। ऐसे में कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताना विजय शाह और भाजपा के लिए परेशानी का मामला बन गया है। यह मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला गया है।
अफसरों को बता दिया था नौटंकीबाज
मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में है। गुरुवार को शिवपुरी दौरे के दौरान उन्होंने अधिकारियों को नौटंकी करने वाला कह दिया। इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रहलाद पटेल शिवपुरी जिले के पोहरी तहसील के देवपुरा गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम स्थल के पास माता मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद जब वह कार्यों की जानकारी ले रहे थे, तो किसी बात पर नाराज हो गए। कार में बैठते वक्त उन्होंने गुस्से में अधिकारियों से कहा, तुम पूरे समय नौटंकी करने वाले हो।पटेल की नाराजगी की एक वजह यह भी रही कि गर्मियों में पौधरोपण की योजना बनाई गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि गर्मियों में पौधरोपण कौन करता है? हम 20 जून के बाद पौधरोपण करेंगे।
सांसदों-विधायकों को बोलने का प्रशिक्षण देगी भाजपा
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं की विवादास्पद बयानबाजी से हो रही किरकिरी से परेशान है। सांसदों और विधायकों के सार्वजनिक बयानों से सरकार और पार्टी की छवि धूमिल होने के चलते भाजपा अब उन्हें बोलने का प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है। संगठन का मानना है कि प्रशिक्षण से सांसद-विधायक सार्वजनिक मंचों पर संयमित और जिम्मेदार बयानबाजी करेंगे। पार्टी चाहती है कि नेता विपक्ष को घेरें और सरकार की उपलब्धियों को मजबूती से रखें, न कि अपनी ही सरकार पर सवाल उठाएं। इस कदम से पार्टी अपनी छवि को और मजबूत करने की कोशिश में है। यह प्रशिक्षण जून 2025 में शुरू हो सकता है। पार्टी संगठन स्तर पर इस दिशा में मंथन चल रहा है। भाजपा पहले भी विधायकों को विधानसभा सत्रों और बैठकों में विवादित बयानों से बचने की नसीहत देती रही है, लेकिन हाल के विवादों ने प्रशिक्षण की जरूरत को उजागर किया है।

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