दो माह बाद शुरू हो सकता है रेत खदानों में खनन

खनन

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लंबे समय बाद 44 जिलों में 101 रेत खदानों की निविदा सह नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि खनिज निगम सभी तरह की (उत्खनन और पर्यावरण) अनुमतियां लेकर ठेकेदारों को खदानें सौंपेगा। इससे उम्मीद की जा रही है कि वर्षाकाल समाप्त होते ही अक्टूबर से खदानों से उत्खनन शुरू हो जाएगा। अभी तक ये अनुमतियां ठेकेदारों को लेनी होती थीं। खदान लेने के इच्छुक ठेकेदार-कंपनी आठ से 24 जुलाई तक निविदा जमा कर सकेंगे। निविदा में आने वाले अधिकतम मूल्य को आधार बनाकर खदानों की बोली लगवाई जाएगी। यह खदानें अगले तीन साल के लिए दी जाएंगी, इनमें अक्टूबर 2023 से उत्खनन प्रारंभ होने की संभावना है। खनिज साधन विभाग ने 44 जिलों में 101 रेत खदानों की निविदा सह नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। खदान लेने के इच्छुक ठेकेदार-कंपनी आठ से 24 जुलाई तक निविदा जमा कर सकेंगे। निविदा में आने वाले अधिकतम मूल्य को आधार बनाकर खदानों की बोली लगवाई जाएगी। यह खदानें अगले तीन साल के लिए दी जाएंगी, इनमें अक्टूबर 2023 से उत्खनन प्रारंभ होने की संभावना है। नर्मदापुरम रेत उत्खनन वाला सबसे बड़ा जिला है, यहां खदानों के तहसील स्तर पर तीन समूह बनाए गए हैं, शेष जिलों में जिला स्तर पर रेत समूह नीलाम किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2019 में रेत नीति लागू की थी, जिससे सरकार को लगभग 1400 करोड़ रुपये राजस्व मिला है। अब 1500 करोड़ से अधिक मुनाफे का लक्ष्य तय किया गया है।
कहां कितना मूल्य तय
नर्मदापुरम जिले की तीनों रेत खदानों का निविदा के लिए प्रारंभिक आधार मूल्य 160 करोड़ (75, 55 और 30 करोड़) रुपये तय किया गया है। इस तरह सभी 44 जिलों में रेत खदानों का प्रारंभिक निविदा मूल्य 779 करोड़ रुपये रखा है। वहीं भोपाल जिले की खदानों के लिए 10 लाख रुपये मूल्य तय किया है। नई रेत नीति में सरकार ने रेत नीलाम करने और निगरानी का जिम्मा खनिज निगम को सौंपा है। सरकार ने सभी खदानें विभाग को आवंटित की है। अब वही मुख्य मालिक होगा और संचालन के लिए ठेकेदारों को तीन वर्ष के लिए देगा।

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