
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की पहली मेट्रो ट्रेन को भोपाल में शुरू करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत में अभी छह से सात माह का समय लग सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि आम लोगों के लिए इसकी शुरुआत जून-जुलाई में हो सकती है। इसके शुरु होने पर लोगों को इससे जोड़ने के लिए शुरुआती एक दो माह तक आम लोगों को फ्री में यात्रा करने की सुविधा दी जा सकती है। इस दौरान खास तौर से युवाओं को मेट्रो से जोड़ने की पहल की जाएगी। इसके लिए उन्हें इससे होने वाले फायदे के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इससे खासतौर पर युवा खुद के वाहनों की बजाय सुलभ और सस्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। फिलहाल भोपाल में सरकार से मेट्रो के दो रुटों की ही अनुमति मिली है। इनमें एक है, एम्स से करोद और दूसरा रुट है भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा तक । पहले चरण में एम्स से करोंद मेट्रो रूट को लिया गया है। इसकी लंबाई 13.4 किलोमीटर है। इस रुट का 3.4 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। इस मार्ग पर 14 एलिवेटेड और दो अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण किया जाना है। यह बात अलग है कि, चुनाव से पहले मेट्रो का ट्रायल रन शुरू करने के लिए केवल सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक के मार्ग पर ही फोकस किया गया था, जिसके लिए शासन ने सितंबर तक का समय तय किया था। इस मार्ग पर सितंबर में तो नहीं, लेकिन कुछ देरी से ही सही अक्टूबर के पहले सप्ताह में ट्रायल रन भी किया जा चुका है। अब मौजूदा रूट को एम्स तक बढ़ाने का काम किया जा रहा है। यह काम पूरा होते ही सुभाष नगर से एम्स तक आम लोगों के लिए मेट्रो चलाई जाने की तैयारी की जा रही है।
दो साल पहले हुआ था भूमिपूजन
एम्स से सुभाष नगर के बीच आठ मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए दो साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवंबर, 2021 में भूमि पूजन किया था। इसकी लागत 426 करोड़ 67 लाख रुपये है। यह सभी आठों एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से परिपूर्ण होंगे। इन स्टेशनों का निर्माण एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, डीबी सिटी, एमपी नगर जोन 1, आयकर भवन और सुभाष नगर अंडरब्रिज के पास किया जा रहा है। इनके लिए दो साल का समय तय किया गया था, जिसकी अवधि अब समाप्त होने को है। रानी कमलापति से सुभाष नगर के बीच पांच स्टेशन में से अधिकांश तैयार होने की कगार पर हैं। मेट्रो के स्टेशन 100 मीटर लंबे और कम से कम 14 मीटर चौड़े होंगे। खास बात यह होगी कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को मेट्रो स्टेशन के साथ स्काय वॉक के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस मेट्रो स्टेशन का नाम भी रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन होगा। यहां पर मेट्रो का स्टेशन पहले रानी कमलापति परिसर में बनना था। फिर रेलवे की आपत्ति के बाद इसे बाहर बनाने का फैसला लिया गया। इनमें ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम होंगे।