मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस की साढ़े तीन सौ सीटों का होगा नुकसान

मेडिकल कॉलेजों
  • नोटिफिकेशन ने फेरा मंशा पर पानी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के सात मेडिकल कॉलेजों में इस साल सरकार की करीब साढ़े तीन सौ सीटों बढ़ाने की मंशा को झटका लग गया है। इसकी वजह है वह नोटिफिकेशन जिसे शासन द्वारा जारी किया गया था। इसकी वजह से प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों में वृद्धि पर ब्रेक लग गया है। यह बात अलग है कि 10 कॉलेजों के पास अभी भी 150 सीटों के लिए आवेदन करने का मौका बना हुआ है।  शासन ने अगस्त 2023 में जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया है, इसमें स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 के बाद कोई भी मेडिकल कॉलेज 200 से 250 सीट के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा। वहीं, नए मेडिकल कॉलेजों को अधिक से अधिक एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए ही अनुमति प्रदान की जाएगी। ग्वालियर का गजराराजा मेडिकल कॉलेज इस सत्र में 250 सीटों के लिए आवेदन नहीं कर पाया , क्योंकि एनएमसी द्वारा कॉलेज को अभी तक एमबीबीएस की 200 सीटों का रिकोनाइजेशन लेटर ही जारी नहीं किया गया है। वहीं प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों के पास 150 या इससे अधिक सीटें हैं, जिसकी वजह से वे भी 250 सीटों की अनुमति के दायरे के लिए अपात्र हो गए। प्रदेश में सरकार की मंशा चिकित्सकों की कमी दूर कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की है। यही वजह है कि बीते एक दशक में एक दर्जन से अधिक नए मेडिकल कॉलेज विभिन्न जिलों में खोले जा चुके हैं।  सरकार का प्रयास अधिक से अधिक डॉक्टर तैयार करने के साथ हर जिले में आधुनिक चिकित्सा मुहैया कराना है।
पुराने भवनों में नहीं है जगह
दरअसल, प्रदेश में पुराने मेडिकल कॉलेजों में अधोसंरचना विकास के लिए जगह बेहद कम होने की वजह से सरकार ने उनमें सीटों को बढ़ाने की जगह नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। पुराने मेडिकल कॉलेजों के भवनों को तोड़ना भी संभव नही है। इस प्रक्रिया के लिए शासन द्वारा पुराने मेडिकल कॉलेज जिनमें एमबीबीएस की सीटें 200 हैं, उन्हें 250 करने के लिए इस वर्ष अंतिम मौका दिया था। उसकी भी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। इसलिए अब जीआर मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें नहीं बढ़ेंगी। अभी प्रदेश में जबलपुर का मेडिकल कालेज ही ऐसा है, जहां पर सर्वाधिक 250 सीटें हैं।
नए कॉलेजों के लिए लागू नियम
नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस की 50, 100 और 150 सीटों के लिए ही अनुमति मिलेगी। सीटों की संख्या में वृद्धि चाहने वाले कॉलेज वर्ष 2024-25 से एमबीबीएस छात्रों की कुल संख्या 150 से अधिक नहीं कर सकते। प्रवेश के लिए सीटों में वृद्धि चाहने वाले कॉलेजों को पिछले शैक्षणिक वर्ष के लिए स्वीकृत सभी मानदंडों को पूरा करना होगा। प्रवेश के लिए सीटों का कोई भी अतिरिक्त अनुमत कोटा उस कॉलेज में प्रवेश के लिए मंजूर की गई सीटों की संख्या के भीतर होगा। सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना चाहती है। शासन का प्रयास अधिक से अधिक डॉक्टर तैयार हों। हर जिले में में आधुनिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना है। एमबीबीएस करने के लिए छात्रों को एक जिले से दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।

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