त्योहारी सीजन में यात्रियों से वसूला जा रहा कई गुना किराया

त्योहारी सीजन

– कॉन्ट्रेक्ट कैरैज परमिट की आड़ में बस संचालकों की मनमानी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पांच दिवसीय दीप पर्व आते ही ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। आलम यह है कि कई ट्रेनों में नो रूम की स्थिति आ गई है। ऐसे में बस संचालकों की चांदी आ गई है। त्योहारी सीजन को देखते हुए कुछ बस संचालक निर्धारित किराए से ज्यादा राशि वसूल रहे हैं। भोपाल से विभिन्न शहरों के लिए यात्रियों द्वारा दिए गए किरायों में भारी अंतर देखा गया है। दरअसल, कॉन्ट्रेक्ट कैरैज परमिट की आड़ में बस संचालकों ने खासतौर पर पुणे, नासिक, मुंबई और बेंगलुरु से भोपाल आने का किराया पांच गुना तक कर दिया है। दरअसल, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु आदि स्थानों से भोपाल आने-जाने वाली पंजाबमेल, झेलम, गोवा, मंगला एक्सप्रेस आदि में अगले कुछ दिनों का तो रिजर्व टिकट ही बुक नहीं हो पा रहा है। यात्रियों को मजबूरी में फ्लाइट और बसों का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, आम दिनों में पुणे, नासिक, मुंबई और बेंगलुरु स्थानों से भोपाल का किराया 1200 से 1500 रुपए तक लगता है, जो बढकऱ 7500 रुपए तक पहुंच चुका है। हालांकि, परिवहन विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और स्पष्ट किया है कि अब हर बस में किराए की जानकारी स्पष्ट रूप से डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। यदि कोई बस संचालक ऐसा नहीं करता है और जांच के दौरान पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अफसरों का कहना है भले ही कॉन्ट्रैक्ट कैरैज परमिट हो, यदि किसी यात्री से ज्यादा किराया लिया जाता है, तो उसकी शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि उससे लिया गया बढ़ा हुआ किराया ऑपरेटर से वापस करवाया जाएगा।
कांटेक्ट कैरिज परमिट बना कमाई का जरिया
आमतौर पर परिवहन विभाग द्वारा बसों को इंटर स्टेट रूट परमिट दिया जाता है। लेकिन, इनकी संख्या सीमित होती है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कांटेक्ट कैरिज परमिट देने का प्रावधान रखा गया है। यह परमिट एक सीजन के लिए 2 से 3 लाख रुपए तक में बस ऑपरेटर लेते हैं। इस परमिट का आशय यह होता है कि अनुबंध यात्री और बस ऑपरेटर के बीच हुए आपसी समझौते के तहत इन परमिटों पर चलने वाली बसों का होता है। इसलिए ऑपरेटर सीजन के हिसाब से सवारी से ऐसा किराया वसूलता है, जिससे वह परमिट का पैसा अदा कर सके। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने कहा है कि बस संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी बस में किराया स्पष्ट रूप से चिपकाएं या डिजिटल डिस्प्ले करें। यदि कोई बस संचालक ऐसा नहीं करता है, तो औचक निरीक्षण के दौरान उस पर कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की ओवर चार्जिंग या मनमानी किराया वसूली की स्थिति में तुरंत परिवहन विभाग या नजदीकी आरटीओ में शिकायत करें। इधर, हवाई किराया भी अधिकतम किराए से तीन गुना अधिक तक पहुंच गया है। पुणे से भोपाल का हवाई किराया 15 अक्टूबर के लिए 20 हजार रुपए से ज्यादा हो गया है। आम दिनों में यह किराया 5500 रुपए के आसपास लगता है। भोपाल से पुणे के लिए चलाई जा रही फ्लाइट का किराया मांग के अनुसार वापसी का ही बढ़ा है। 78 सीटर एयरक्राफ्ट से यह फ्लाइट इंडिगो चलाता है।

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